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पर्यटक स्थल कोनबेगी डैम पथ को श्रमदान कर बनाया.

सिमडेगा, शंभू कुमार सिंह/मनोज.

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सिमडेगा : रेंगारी मुख्य पथ से कोनबेगी डैम तक लगभग तीन किलोमीटर ग्रेड पथ का पिछले 14 -15 वर्षों से मरमति नही हुई है। सड़क में जगह जगह पत्थल निकल गए है। जिसमे चलना मुश्किल हो जाता है। पिछले कई वर्षों से जुगाड़ व्यवस्था से ही मुरम वैगरह भरकर चलने लायक बनाया जाता है। कोनबेगी डैम दो पहाड़ो के बीच दर्शनीय है । यंहा सालोभर पर्यटक आते जाते रहते है। नए वर्ष के अवसर पर भी हजारो लोग यंहा पिकनिक मनाने आते है। सड़क खराब रहने के कारण यदा कदा दुर्घटनाऐ होती रहती है। इसी को देखते हुए कोनबेगी के 4 युवकों अजय डुंगडुंग,विनय साहू,मुकेश साहू एवम पंचम बड़ाईक ने रविवार को पथ में 3 किलोमीटर श्रमदान कर मुरुम गिराकर ठीक किया।

गांव के ही बिपिन कुमार प्रसाद ने अपना ट्रैक्टर देकर इनका सहयोग किया।बरसात पूर्व भी इसी तरह इस पथ को ठीक किया गया था। लगभग 2000 से अधिक जनसँख्या वाले इस कोनबेगी गांव में 10 वर्ष पूर्व मुखिया चुनाव के उपरांत मनरेगा योजना के अलावे इन 10 वर्षो में किसी भी अन्य योजना से सिर्फ कुछ जल मीनार एवम एक टोला में 100 मीटर पेवर ब्लॉक तथा 50मीटर पीसीसी सड़क बना है।

ब्रह्मांड की उतपत्ति कैसे हुई कि खोज टीम के सदस्यों में वैज्ञानिक सिद्धार्थ प्रसाद का घर कोनबेगी गांव में होने के कारण यंहा हमेशा अंतररास्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों का आवागमन होता रहता है। पिछले वर्ष ही भीइसीसी के पूर्व निदेशक सहित आधा दर्जन से अधिक वैज्ञानिक यंहा आये थे ।इस तरह का पथ देखकर उनकी मनोस्थिति जिला के प्रति क्या हुई होगी कि जो दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत है उनके घर तक पँहुच पथ ठंग का नही तो जिला के अन्य गांवो का क्या हाल होगा।

पिछले माह ठेठईटांगर प्रखण्ड की प्रमुख रेखा मिज ने प्रखण्ड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार को साथ लाकर इस बदहाल सड़क की स्थिति से अवगत कराया था।

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