Ranchi High Court

Ranchi: रांची नगर निगम 3 सप्ताह में रांची नगर नगर निगम के फोर्थ ग्रेड कर्मियों के थर्ड ग्रेड में प्रमोशन पर निर्णय लें. हाई कोर्ट

Ranchi: रांची नगर निगम की अपनी बात है और उसकी अपनी करतूत है। ऐसा ही एक अजीबोगरीब मामले की सुनवाई आज झारखण्ड है कोर्ट में हुई। रांची नगर निगम में फोर्थ ग्रेड में नियुक्त कर्मियों के थर्ड ग्रेड में प्रमोशन से संबंधित अवमानना याचिका की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई. कोर्ट ने रांची नगर निगम को निर्देश दिया कि वह 3 सप्ताह में रांची नगर नगर निगम के फोर्थ ग्रेड कर्मियों के थर्ड ग्रेड में प्रमोशन पर निर्णय लें. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया.

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इस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि नगर विकास विभाग ने 29 जुलाई 2022 को एक निर्णय लिया था. इस निर्णय में नगर विकास विभाग ने कहा था कि चूंकि रांची नगर निगम के फोर्थ ग्रेड के कर्मियों के प्रमोशन के संबंध में रांची नगर निगम ने 10 दिसंबर 2007 में ही अपने स्थापना समिति की बैठक में निर्णय ले लिया था. इसके बाद झारखंड म्युनिसिपल सर्विस कैडर रूल 2014 आई है. यह प्रमोशन का मामला उक्त नियमावली आने के पहले का है. इसलिए फोर्थ ग्रेड कर्मियों के थर्ड ग्रेड में प्रोन्नति के संबंध में निर्णय लेने के लिए रांची नगर निगम स्वयं जिम्मेदार है एवं सक्षम प्राधिकार है.

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नगर विकास विभाग के निर्णय के आलोक में फोर्थ ग्रेड कर्मियों के प्रमोशन के संदर्भ में रांची नगर निगम खुद ही फैसला ले सकती है। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस विषय को बार-बार नगर विकास विभाग के पास भेजने का कोई औचित्य नहीं है. जिसके बाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने रांची नगर निगम को आदेश दिया कि वह निगम के फोर्थ ग्रेड कर्मियों के प्रोन्नति के संदर्भ में 3 सप्ताह में निर्णय लेकर शपथ पत्र दाखिल करें. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर निर्धारित की है. मामले में रांची नगर निगम कर्मचारी संघ की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रेम पुजारी ने पैरवी की.

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क्या था मामला
दरअसल , प्रार्थी रांची नगर निगम कर्मचारी संघ के फोर्थ ग्रेड कर्मियों की ओर से वर्ष 2013 में हाई कोर्ट में रिट दाखिल की गई थी. जिस पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने वर्ष 2021 में मामले को निष्पादित करते हुए आदेश दिया था कि रांची नगर निगम की बोर्ड ने जब निर्णय लिया है कि ये कर्मी उच्च पद पर काम कर रहे हैं और वे थर्ड ग्रेड के पद के लिए एलिजिबल है इसलिए उन्हें प्रोन्नति दे देंगे , तो रांची नगर निगम की बोर्ड अपने इस निर्णय को लागू करें .लेकिन निगम की ओर से कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं किया गया. जिसके बाद प्राथी की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई.

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