ACB: जांच के घेरे में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर समेत पांच मंत्री एसीबी आय से अधिक संपत्ति की कर रही है जांच, मैनहर्ट पर भी खुलेगी फाइल
ACB: किताब में हमें क्रिया का विपरीत शब्द पर्तिक्रिया पढ़ाया जाता है लेकिन इनदिनों हमलोग झारखण्ड की राजनीती में ऐसा देख रहे है आप सोचते होंगे की आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे है दरअसल हेमंत सोरेन से ईडी पूछताछ करना चाहती है तो मंत्री रामेश्वर उराव के घर ईडी ने रेड किया दो आईएस जेल में है और दो आईएएस ईडी के रडार पर है ऐसे में सरकार का कुनबा हिला हुआ है वो जनता की भलाई के लिए क्या सोचेंगे वो तो किस तरह जाँच एजेंसी से बचे ये सोच रहे होंगे तो लाजमी है की इस क्रिया के बदले प्रतिक्रिया होना जरूरी था इसलिए झरखंड सरकार की जांच एजेंसी एसीबी ने राज्य के पूर्व मुख्यंमत्री रघुवर दास समेत उनके शासनकाल के पांच पूर्व मंत्रियों की संपत्ति के मामले में जांच शुरू कर दी है। इसके लिए एसीबी ने प्रिलिमिनरी इंक्वायरी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मैनहर्ट घोटाले में एसीबी को पूर्व सीएम के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल सकती है। निगरानी सचिव ने एसीबी द्वारा मांगी गई अभियोजन स्वीकृति की फाइल अपने पास मंगा ली है। जाहिर है की तीन माह पहले एसीबी ने निगरानी व विधि विभाग से रघुवर दास पर लगे आरोपों पर मंतव्य मांगा था।
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एक तरफ रघुवर दास पर कार्रवाई की तैयारी है तो दूसरी तरफ भाजपा के पूर्व पांच मंत्रियों के खिलाफ एसीबी मुख्यालय स्तर से एक टीम का गठन कर लिया गया है। एसीबी ने मामला दर्ज किया है। इन पांच मंत्रियों में रणधीर सिंह, अमर कुमार बाऊरी, नीलकंठ सिंह मुंडा, नीरा यादव और लुईस मरांडी हैं जिनके खिलाफ एसीबी जांच क रही है। एसीबी ने यह कार्रवाई राज्य सरकार के निर्देश पर की है। एसीबी जल्द ही पूर्व मंत्रियों की संपत्ति के संबंध में साक्ष्य एकत्रित करने के लिए उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी में हैं।
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जाहिर है की झारखंड हाइकोर्ट में वर्ष दो हजार बीस में पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य एवं राज्य सरकार के पूर्व मंत्रियों को लेकर आय से अधिक संपत्ति मामले में जनहित याचिका दायर की गयी थी। इसमें इन पूर्व मंत्रियों की संपत्ति दो सौ से एक हजार एक सौ प्रतिशत तक बढ़ने के आरोप लगाये गये थे। इस पर राज्य सरकार ने एसीबी से जांच कराने का आदेश दिया था।
वहीँ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अक्टूबर दो हजार बीस में रांची शहर में सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने वाली परामर्शी कंपनी मैनहर्ट की नियुक्ति में पूर्व नगर विकास मंत्री रघुवर दास पर अनियमितता और भ्रष्टाचार के विरुद्ध एसीबी को पीई दर्ज करने का आदेश दिया था। अब इस पर कार्रवाई शुरू हो रही है। सरयू राय के परिवाद और हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीएम ने एसीबी को जांच कराने का आदेश दिया था। जबकि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ भी दो दिनों में चार थानों में एफआईआर दर्ज हुई है। इस तरह के लगातार हमलों से अब भाजपा सतर्क हो रही है। भाजपा नेताओं से जुड़े मामलों पर भी कार्रवाई तेज हो गयी है।