BJP का लक्ष्य राज्य की 14 सीटों में जीत हासिल करना ,झारखंड में अपने सांसदों के एंटी इनकंबेंसी को लेकर अगस्त में सर्वे कराएगी भाजपा
BJP
प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का लक्ष्य राज्य की सभी 14 सीटों को जीतना है। ऐसे में केंद्रीय संगठन किसी भी प्रकार का खतरा मोल लेने के मूड में नहीं है। सांसदों के एंटी इनकंबेंसी पर संगठन की पैनी दृष्टि है। पार्टी यह जानना चाहती है कि झारखंड में ऐसे कितने वर्तमान सांसद हैं, जिनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है। इसे गहराई से समझने के लिए केंद्रीय संगठन सभी 14 संसदीय क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराएगा।
अगस्त में सर्वे का काम शुरू होगा। इसमें प्रदेश नेतृत्व की कोई भूमिका नहीं होगी और न ही उन्हें यह ज्ञात होगा कि कौन सी एजेंसी सर्वे कर रही है। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से वैसे तो समय-समय पर विभिन्न विषयों को लेकर सर्वे होता रहता है, पर यह सर्वे व्यापक होनेवाला है। प्रमुख पंचायतों तक इस बार सर्वे का दायरा बढ़ाया जाना है। इस बीच, सांसदों को साफ कह दिया गया है कि वे अपनी छवि सुधारें। क्षेत्र में लोगों के बीच संपर्क तेज करें। केंद्र सरकार की उपलब्धियों और राज्य सरकार की विफलताओं को गांव-गांव तक प्रचारित करें।
14 बिंदुओं पर होगा सर्वे, आमलोगों के साथ-साथ कार्यकर्ता भी रखेंगे राय
कार्यकर्ताओं से पूछे जानेवाले संभावित सवाल
- क्या संगठन के कार्यों में सांसद दिलचस्पी लेते हैं?
- क्या स्थानीय समस्याओं को लेकर सांसद ने कोई आंदोलन खड़ा किया?
- कार्यकर्ताओं के साथ इनका व्यवहार कैसा है, क्या उनके दुख-सुख में शामिल होते हैं?
- पार्टी में गुटबाजी को प्रश्रय देते हैं या सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं?
- कहीं ऐसा तो नहीं कि अपने पुत्र या परिजनों को कार्यकर्ताओं पर वरीयता देते हुए आगे कर रहे हैं?
- अपने दम पर इनके फिर से जीतने के कितने चांस हैं?
- विपक्षी दल के नेताओं से कहीं इनका कोई व्यापारिक संबंध तो नहीं है?
आम लोगों से पूछे जानेवाले संभावित सवाल
- क्या आप अपने सांसद के काम से खुश हैं?
- अगर नाखुश हैं तो क्या उन्हें एक और अवसर देंगे?
- पिछली बार आपने किसे वोट दिया था, वर्तमान सांसद को या किसी दूसरे को?
- अगर पिछली बार आपने वर्तमान सांसद को वोट दिया था, तो क्या इस बार भी उन्हें ही चुनेंगे?
- आम लोगों से सांसद मिलते हैं या नहीं?
- क्या जनता की समस्याओं के समाधान में दिलचस्पी लेते हैं?
- अपने सांसद की कुछ उपलब्धियों और विफलताओं को बताएं।
आम लोगों और कार्यकर्ता दोनों से सात अलग-अलग सवाल पूछे जाएंगे
कुल 14 बिंदुओं पर सर्वे होना है। आमलोगों के साथ-साथ कार्यकर्ता भी अपनी राय रखेंगे। दोनों से सात अलग-अलग सवाल पूछे जाएंगे। संबंधित क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता अपने-अपने सांसद के कार्यों के बारे में जानकारी देंगे।
गिरिडीह में सहयोगी आजसू पार्टी काबिज
गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में भाजपा की सहयोगी आजसू पार्टी का कब्जा है। यहां के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी हैं। झारखंड की वर्तमान राजनीति को देखते हुए ऐसी संभावना है कि वर्ष 2024 संसदीय चुनाव में भी भाजपा और आजसू का गठबंधन बना रहेगा।
परफॉरमेंस व उम्र टिकट पाने का आधार
भाजपा के वर्तमान सांसदों का परफॉरमेंस और उनकी उम्र इस बार टिकट पाने का आधार बनेगी। सर्वे में प्राप्त हुए डाटा के विश्लेषण के बाद इस पर पार्टी के वरीय नेताओं के बीच चर्चा होगी। यह तय है कि 75 के हो चुके नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा।
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