क्या वाम मोर्चा की तरह कांग्रेस (CONGRESS) कुछ सीटों पर सिमट जाना चाहती है ।
सिन्हा मुकेश
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस (CONGRESS) में मंथन शुरू हो गया है। इधर आप के भगवंत मान पंजाब में शपथ ले रहे है वहीँ कांग्रेस के सिद्धू ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अध्यक्षा को भेज दिया है. लेकिन इन पांच राज्यों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी क्या ऐसा लगता है की कांग्रेस आत्ममंथन कर रही है , देखने से तो बिलकुल ही नहीं लगता है क्या कांग्रेस आत्ममंथन करना ही नहीं चाहती है ? उत्तरप्रदेश में लड़की हूँ लड़ सकती हूँ के जिस नारे के साथ प्रियंका ने भूचाल लाने की कोशिश की यह गुब्ब्बारे की हवा की तरह निकल गयी।
आखिर कांग्रेस की लीडरशिप क्या करना चाहती है क्यों अपने पार्टी की विचारधारा में बदलाव नहीं करना चाहती है क्या वाम मोर्चा की तरह की विचारधारा के नाम पर चंद सीटों पर सिमट कर रह जाता चाहती है। क्युकी इस आधुनिकता के युग में जब विपक्षी आपको हर मोर्चे पर मात दे रहा है और आपके ढाल विपक्षी पार्टी में ही शामिल हो जा रहे है ऐसे में पार्टी को गहरे स्तर से सोचना जायज नहीं है क्या ? जो सत्तर सालो में नहीं हुआ वो आखिर आज क्यों हो रहा है क्या सिर्फ यह मोदी मैजिक है अगर आपको लगता है की यह मोदी मैजिक है तो फिर आप सोचते रहिये और बची खुची राज्य भी गँवा दीजिये। जनता कांग्रेस में बदलाव चाहती है मुझे लगता है राहुल गाँधी और प्रियंका से जनता को कोई गुरेज नहीं है लेकिन बदलाव कांग्रेस में बड़े स्टार पर होनी चाहिए





