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बीसीसीआई में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट: राजीव शुक्ला बन सकते हैं अंतरिम अध्यक्ष, रोजर बिन्नी का कार्यकाल जल्द समाप्त

बीसीसीआई में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट: राजीव शुक्ला बन सकते हैं अंतरिम अध्यक्ष, रोजर बिन्नी का कार्यकाल जल्द समाप्त

रांची, स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), जो विश्व क्रिकेट की सबसे प्रभावशाली संस्थाओं में से एक है, में जल्द ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी का कार्यकाल 19 जुलाई  को समाप्त होने की संभावना है, क्योंकि इस दिन वह 70 वर्ष की आयु पूरी कर लेंगे। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, 70 वर्ष की आयु के बाद कोई भी पदाधिकारी अपने पद पर नहीं रह सकता। इस स्थिति ने बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चाओं को हवा दे दी है, और इस रेस में बोर्ड के वर्तमान उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला सबसे आगे माने जा रहे हैं।

रोजर बिन्नी का कार्यकाल: एक युग का अंत
रोजर बिन्नी, जिन्हें 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा होने के लिए जाना जाता है, ने अक्टूबर 2022 में बीसीसीआई के 36वें अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की जगह ली थी, जिनका कार्यकाल विवादों और उपलब्धियों से भरा रहा। बिन्नी के लगभग तीन साल के कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन और घरेलू क्रिकेट ढांचे को मजबूत करना शामिल है। हालांकि, बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, आयु सीमा के नियम ने उनके कार्यकाल को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया है। 19 जुलाई  को 70 वर्ष की आयु पूरी करने के साथ ही बिन्नी को अध्यक्ष पद छोड़ना होगा।

राजीव शुक्ला: अंतरिम अध्यक्ष की भूमिका में
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, बीसीसीआई के वर्तमान उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला को जुलाई 2025 में अंतरिम अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। 65 वर्षीय शुक्ला, जो लंबे समय से भारतीय क्रिकेट प्रशासन से जुड़े हुए हैं, इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। नियमों के अनुसार, वह तीन महीने तक कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे, जब तक कि सितंबर 2025 में बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता।
सितंबर 2025 में होने वाली इस बैठक में शुक्ला, जो उस समय 66 वर्ष के हो चुके होंगे, पूर्णकालिक अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। शुक्ला का क्रिकेट प्रशासन में व्यापक अनुभव और उनकी राजनैतिक पृष्ठभूमि उन्हें इस भूमिका के लिए मजबूत दावेदार बनाती है। इससे पहले, वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन और बीसीसीआई के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

क्यों है राजीव शुक्ला का दावा मजबूत?
राजीव शुक्ला का नाम बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष के रूप में इसलिए चर्चा में है, क्योंकि वह न केवल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं, बल्कि उनके पास क्रिकेट प्रशासन का लंबा अनुभव भी है। वह कई वर्षों तक बीसीसीआई के विभिन्न समितियों और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े रहे हैं। इसके अलावा, उनकी राजनैतिक पृष्ठभूमि और प्रभावशाली व्यक्तित्व उन्हें बोर्ड के भीतर और बाहर समर्थन जुटाने में सक्षम बनाता है।
शुक्ला ने पहले भी संकटकालीन परिस्थितियों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, जैसे कि आईपीएल के आयोजन और विवादों के प्रबंधन में। उनकी कूटनीतिक क्षमता और क्रिकेट के प्रति समर्पण उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है।

बीसीसीआई का भविष्य: चुनौतियां और अवसर
बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष के सामने कई चुनौतियां होंगी, जिनमें आईपीएल के अगले चरण की योजना, भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन, और घरेलू क्रिकेट ढांचे को और मजबूत करना शामिल है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के साथ समन्वय और वैश्विक क्रिकेट में भारत की स्थिति को बनाए रखना भी महत्वपूर्ण होगा।
यदि राजीव शुक्ला पूर्णकालिक अध्यक्ष बनते हैं, तो उनके अनुभव और नेतृत्व कौशल से बीसीसीआई को एक स्थिर और प्रगतिशील दिशा मिल सकती है। हालांकि, सितंबर 2025 की एजीएम में अन्य उम्मीदवारों के सामने आने की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता।

क्रिकेट प्रशंसकों की नजरें
रोजर बिन्नी के कार्यकाल के समापन और राजीव शुक्ला के संभावित अंतरिम अध्यक्ष बनने की खबर ने क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच उत्साह और जिज्ञासा पैदा कर दी है। बीसीसीआई का अगला कदम और नए अध्यक्ष का चयन न केवल भारतीय क्रिकेट, बल्कि वैश्विक क्रिकेट के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।

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