टपक सिंचाई विधि किसानों के लिए हुआ वरदान साबित.
जामताड़ा : जामताड़ा में टपक सिंचाई विधि किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है और इस तरीके से सिंचाई कर किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं। नारायणपुर प्रखंड के टोपाटाड पंचायत के नवाटाड गांव में टपक सिंचाई विधि से उमेश रवानी एवं रमेश रवानी दो भाइयों ने मिलकर ऑर्गेनिक खेती शुरू की और अब देखते ही देखते खेतों में फसल लहलहाने लगा है। मनरेगा से मिले कुप से पटवन के लिए पानी भी पर्याप्त मिल जाता है।
रमेश रवानी बताते हैं कि मैं प्रत्येक साल टपक सिंचाई विधि से टमाटर, आलू, मटर एवं गोभी का खेती करता हूं और इस साल टपक सिंचाई विधि से लगभग 2000 पौधा शिमला मिर्च का भी लगाया है। इससे मुझे काफी मुनाफा मिला है। इसके अलावे इस साल 200 पपीता का पौधा लगाया। इस पपीते मैं ऐसा फल आया है कि लोग देखने के लिए पहुंचते हैं। एक पपीता लगभग 5 से 7 किलो वजन का होता है। इस किसान ने कहा कि मैं खेती से अपने बच्चे बच्चियों की पढ़ाई लिखाई एवं पूरे परिवार का जीवन यापन कर रहा हूं। मैं पूरे क्षेत्र के किसान को कहता हूं कि जहां भी बंजर जमीन खाली पड़ा जमीन है। उसमें लोग खेती करें और आत्मनिर्भर बने। खेती से अच्छा कमाई का दूसरा और कोई अच्छा साधन नहीं है। मैं सरकार को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हम गरीब किसानों को जगह जगह पर खेती करने के लिए । कूप निर्माण कराया है और किसानों को आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया।
जामताड़ा, कार्तिक सिंह