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F-35 विमान भारत के राडार पर और UNSC में पाकिस्तान की अध्यक्षता: अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में उथल-पुथल ,आइये पूरे मामले की तह तक जाते है।

F-35 विमान भारत के राडार पर और UNSC में पाकिस्तान की अध्यक्षता: अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में उथल-पुथल ,आइये पूरे मामले की तह तक जाते है।

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भारत की रक्षा तकनीक और क्षेत्रीय तनाव की वैश्विक चर्चा

क्यों तिलमिलाया अमेरिका

पूरे विश्व मे हाल की दो अंतरराष्ट्रीय घटनाओं ने भारत और उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान को फिर से वैश्विक सुर्खियों में ला दिया है।

पहली घटना – एक  ब्रिटिश F-35B स्टील्थ लड़ाकू विमान का भारत के राडार पर पकड़ा जाना

दूसरी घटना — पाकिस्तान का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता संभालना—ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है।

जाहिर है ये दोनों घटनाएँ न केवल सैन्य और कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों और वैश्विक भू-राजनीति के संदर्भ में भी गहरे निहितार्थ रखती हैं।

F-35B भारत के राडार पर: तकनीकी जीत या भू-राजनीतिक संदेश?

14 जून 2025 को, ब्रिटेन का एक F-35B लाइटनिंग  स्टील्थ लड़ाकू विमान, जो HMS प्रिंस ऑफ वेल्स विमानवाहक पोत से संचालित हो रहा था, ऐसा बताया जाता है की खराब मौसम और ईंधन की कमी के कारण केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करने के लिए मजबूर हुआ। वैसे यह विमान, जो अपनी रडार-चोरी (स्टील्थ) क्षमताओं के लिए जाना जाता है, यानी किसी भी राडार सिस्टम के पकड़ में नही आता है । उसे भारत की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली (Integrated Air Command and Control System) द्वारा आसानी से पकड़ लिया गया। इस घटना ने भारत की उन्नत रडार प्रणालियों की क्षमता को पूरे विश्व में प्रदर्शित किया, जिसे कई विशेषज्ञों ने तकनीकी जीत के रूप में देखा।

गौरतलब है की F-35B, जिसे लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित किया गया है, अपनी स्टील्थ विशेषताओं, उन्नत सेंसर फ्यूजन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसका रडार क्रॉस-सेक्शन कथित तौर पर एक गोल्फ बॉल जितना छोटा है, जो इसे दुश्मन के रडार के लिए लगभग अदृश्य बनाता है। फिर भी, भारत की रडार प्रणाली ने इसे न केवल ट्रैक किया, बल्कि इसे सुरक्षित रूप से लैंडिंग के लिए मजबूर भी किया। यह घटना भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी की प्रगति को दर्शाती है, विशेष रूप से इसके स्वदेशी लो-लेवल लाइटवेट रडार (LLLR) और इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (IDDIS) की क्षमताओं को।

हालांकि, इस घटना ने कुछ विवाद भी खड़ा किया। F-35B विमान दो सप्ताह से अधिक समय तक तिरुवनंतपुरम में फंसा रहा, जिसके कारण इसकीअमेरिका को  गोपनीय तकनीक के संभावित जोखिम को लेकर चिंताएँ उठीं। क्योंकि भारत विशेष रूप से,  रूसी S-400 वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करता है । ऐसे में रूसी रडार F-35 की स्टील्थ तकनीक का विश्लेषण कर सकते हैं।

हालांकि, दोनों देशों ने ऐसी किसी भी संभावना को खारिज करते हुए इसे गलत सूचना बताया।

UNSC में पाकिस्तान की अध्यक्षता: कश्मीर मुद्दे का पुनरुत्थान

दूसरी ओर, 1 जुलाई  को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक महीने की अध्यक्षता संभाली। इस अवसर का उपयोग करते हुए, पाकिस्तान ने तुरंत कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश की, भारत पर क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए। यह कदम कोई आश्चर्य की बात नहीं थी, क्योंकि पाकिस्तान लंबे समय से कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा है। हालांकि, भारत ने इस प्रयास को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है।

पाकिस्तान की यह रणनीति मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के बाद और भी जटिल हो गई, जिसे भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के रूप में संचालित किया था। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में नौ स्थानों पर सटीक मिसाइल हमले किए।

पाकिस्तान ने UNSC की मेजबानी का उपयोग भारत को कूटनीतिक रूप से घेरने के लिए किया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रयास बहुत प्रभावी नहीं रहा। भारत ने लगातार अपनी स्थिति दोहराई कि कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप का विषय नहीं है।

क्षेत्रीय और वैश्विक घटना का परिणाम

इन दोनों घटनाओं ने भारत-पाकिस्तान संबंधों और व्यापक भू-राजनीतिक परिदृश्य पर गहरे प्रभाव डाले हैं। F-35B की घटना ने भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी की ताकत को उजागर किया, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाया कि क्या भारत जैसे देश, जो रूसी और स्वदेशी प्रणालियों पर निर्भर हैं, पश्चिमी सैन्य तकनीक के साथ कितनी आसानी से तालमेल बिठा सकते हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान की UNSC अध्यक्षता और कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश ने क्षेत्रीय तनाव को फिर से उजागर किया।

इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान द्वारा चीन से 40 J-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों की संभावित खरीद ने भारत में चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इन खबरों को “मीडिया की अटकलें” करार देते हुए खारिज किया है। लेकिन भारत की  रक्षा शक्तियों  को दुनिया देख चुकी है ।

F-35B की आपातकालीन लैंडिंग और पाकिस्तान की UNSC अध्यक्षता ने भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच जटिल सैन्य और कूटनीतिक गतिशीलता को रेखांकित किया है। भारत की उन्नत रडार प्रणालियों ने वैश्विक मंच पर अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया, जबकि पाकिस्तान की कूटनीतिक चालें क्षेत्रीय तनाव को उजागर करती हैं।

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