जमशेदपुर में चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, नाबालिग आरोपी गिरफ्तार
जमशेदपुर में चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, नाबालिग आरोपी गिरफ्तार
जमशेदपुर के सोनारी थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक चार साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। यह घटना 4 जुलाई 2025 को हुई, और आरोपी कोई और नहीं, बल्कि बच्ची का पड़ोसी, एक नाबालिग लड़का है। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसे रिमांड होम भेज दिया गया है।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, घटना उस समय हुई जब बच्ची के माता-पिता काम के सिलसिले में घर से बाहर गए थे। इस दौरान नाबालिग आरोपी ने बच्ची के घर पहुंचकर उसे खेलने का बहाना बनाया और उसे अपने घर ले गया। आरोपी के घर पर भी उस समय कोई मौजूद नहीं था। मौके का फायदा उठाकर नाबालिग ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के माता-पिता के घर लौटने पर मासूम ने अपनी मां को इस दर्दनाक घटना की जानकारी दी। मां ने तुरंत इसकी सूचना सोनारी थाना पुलिस को दी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
सोनारी थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की। पुलिस ने नाबालिग आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे रिमांड होम भेज दिया गया। डीएसपी (सोनारी) मनोज ठाकुर ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है और पुलिस सभी पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पीड़िता और उसके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
पीड़िता की स्थिति और चिकित्सा जांच
घटना के बाद बच्ची को मेडिकल जांच के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी स्थिति की जांच की। पुलिस ने बच्ची का मेडिकल परीक्षण करवाया, जिसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। बच्ची के परिवार को इस दुखद घटना से उबरने के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।
सामुदायिक प्रतिक्रिया और जागरूकता की जरूरत
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश और दुख की लहर पैदा कर दी है। लोग इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कठोर कानूनी कार्रवाई और सामुदायिक जागरूकता की मांग कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने और उनके साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए माता-पिता, स्कूलों और समाज को मिलकर काम करने की जरूरत है। बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में शिक्षित करना भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
कानूनी प्रक्रिया और भविष्य की कार्रवाई
चूंकि आरोपी नाबालिग है, इसलिए इस मामले में किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) के तहत कार्रवाई की जाएगी। नाबालिग को रिमांड होम में रखा गया है, और उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पीड़िता और उसके परिवार की पहचान गोपनीय रखी जाए, जैसा कि पॉक्सो एक्ट के दिशानिर्देशों में अनिवार्य है।
गौरतलब है की यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके प्रति होने वाले अपराधों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।