टाटा-कांड्रा-सरायकेला-चाईबासा टोल रोड की जर्जर हालत: कोल्हान की लाइफलाइन पर संकट, अर्जुन मुंडा ने लिया संज्ञान
टाटा-कांड्रा-सरायकेला-चाईबासा टोल रोड की जर्जर हालत: कोल्हान की लाइफलाइन पर संकट, अर्जुन मुंडा ने लिया संज्ञान
सरायकेला, 6 जुलाई : कोल्हान क्षेत्र की लाइफलाइन के रूप में विख्यात टाटा-कांड्रा-सरायकेला-चाईबासा टोल रोड की जर्जर हालत ने स्थानीय लोगों और वाहन चालकों के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं। इस 68 किलोमीटर लंबे मार्ग पर हजारों गड्ढों के कारण आवागमन दुष्कर हो गया है, और बरसात के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो चुकी है। इस मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अर्जुन मुंडा ने रविवार को चाईबासा मार्ग पर स्थित टोल प्लाजा का दौरा किया और टोल मैनेजर से वस्तुस्थिति की जानकारी ली।
टोल मैनेजर की सफाई, जेआरडीसीएल की लापरवाही
अर्जुन मुंडा के साथ बातचीत में टोल प्लाजा के मैनेजर ने बताया कि सड़क की जर्जर हालत को लेकर झारखंड रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेआरडीसीएल) को कई बार पत्राचार किया गया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मैनेजर ने कहा, “मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है, जिससे सड़क की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा।” बरसात के दिनों में गड्ढों में पानी भर जाने से वाहनों का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
अर्जुन मुंडा ने इस दौरान टोल वसूली पर सवाल उठाते हुए पूछा, “जब सड़क की मरम्मत नहीं हो रही, तो आम जनता से टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है?” इस पर मैनेजर ने सरकारी प्रक्रिया का हवाला देकर चुप्पी साध ली। पूर्व मुख्यमंत्री ने शिकायतों की कॉपी मांगी और इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने का आश्वासन दिया।
सड़क की स्थिति: कोल्हान की लाइफलाइन पर खतरा
68 किलोमीटर लंबा यह टोल रोड कोल्हान क्षेत्र के लिए आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं, जिनमें भारी वाहनों से लेकर निजी कारों और दोपहिया वाहनों तक शामिल हैं। हालांकि, सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढों और टूटी सतह के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल के दिनों में इस मार्ग पर कई दुर्घटनाएं भी सामने आई हैं, जिसने स्थानीय लोगों में आक्रोश को और बढ़ा दिया है।
बरसात के मौसम में स्थिति और भी विकट हो जाती है। गड्ढों में पानी भर जाने से सड़क पर फिसलन बढ़ जाती है, और रात के समय दृश्यता कम होने से खतरा दोगुना हो जाता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह सड़क न केवल आवागमन का प्रमुख साधन है, बल्कि क्षेत्र के व्यापार और उद्योगों के लिए भी रीढ़ की हड्डी है। इसकी बदहाल स्थिति से न केवल आम जनता, बल्कि व्यवसाय और परिवहन क्षेत्र भी प्रभावित हो रहा है।
जेआरडीसीएल की उदासीनता, प्रशासन और कोर्ट के निर्देश बेअसर
इस मामले में जेआरडीसीएल की लापरवाही साफ तौर पर सामने आ रही है। सरायकेला के उपायुक्त ने जेआरडीसीएल को सड़क की मरम्मत का स्पष्ट निर्देश दिया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिख रहा। इसके अलावा, सामाजिक संगठन जन कल्याण मोर्चा ने इस मुद्दे को अनुमंडल कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से उठाया है। याचिका में सड़क की तत्काल मरम्मत और जेआरडीसीएल की जवाबदेही तय करने की मांग की गई है। बावजूद इसके, जेआरडीसीएल ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में जन कल्याण मोर्चा ने सरायकेला से चांडिल कोर्ट तक सड़क की खराब स्थिति को उजागर किया, जिसमें बारिश के कारण बढ़ती समस्याओं और दुर्घटनाओं का जिक्र था। संगठन ने त्वरित मरम्मत की मांग की, लेकिन जेआरडीसीएल की ओर से अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।
अर्जुन मुंडा का हस्तक्षेप, क्या होगा बदलाव?
अर्जुन मुंडा के इस मामले में हस्तक्षेप ने स्थानीय लोगों में उम्मीद जगाई है। उनके द्वारा इस मुद्दे को गंभीरता से उठाए जाने के बाद अब सभी की नजरें सरकार और जेआरडीसीएल के अगले कदम पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार सड़क की मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं या यह मुद्दा फिर से ठंडे बस्ते में चला जाता है।
स्थानीय लोगों की मांग और भविष्य की उम्मीदें
स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने इस सड़क की तत्काल मरम्मत की मांग तेज कर दी है। उनका कहना है कि यह सड़क कोल्हान क्षेत्र के विकास और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, और इसकी उपेक्षा अब बर्दाश्त के बाहर है। सड़क की मरम्मत न होने से न केवल आवागमन प्रभावित हो रहा है, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक प्रगति भी बाधित हो रही है।
गौरतलब है की इस मार्ग की मरम्मत के लिए सरकार को न केवल जेआरडीसीएल की जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी, बल्कि समयबद्ध तरीके से कार्य योजना लागू करनी होगी। अर्जुन मुंडा के हस्तक्षेप के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि इस दिशा में जल्द ही कोई सकारात्मक कदम उठाया जाएगा, ताकि कोल्हान की इस लाइफलाइन को फिर से सुगम और सुरक्षित बनाया जा सके।