दीपावली और काली पूजा को लेकर जारी किया गया दिशा-निर्देश.
दुमका, शौरभ सिन्हा.
दुमका : उपायुक्त राजेश्वरी बी ने जिलेवासियों से अपील की है कि रौशनी के पर्व दीपावली व काली पूजा को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। कोरोना काल में हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है कि मास्क या फेस कवर का उपयोग, सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए साफ-सफाई के साथ हांथों को समय-समय पर सैनेटाईज्ड या हैण्डवाॅश करते रहें।
उपायुक्त रजेश्वरी बी ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्य सचिव, झारखण्ड सरकार के निदेशानुसार भीड़-भाड़ व सार्वजनिक स्थानों पर आतिशबाजी या पटाखे जलाने पर रोक लगायी गयी है। इन पटाखों से होने वाले प्रदूषण से संक्रमण के खतरे की बढ़ने की संभावना के साथ संक्रमित मरीजों के लिए पटाखों का धुंआं काफी खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में अपने घरों पर निजी स्थानों पर आतिशबाजी या पटाखे को फोड़ने को लेकर राज्य सरकार द्वारा जल्द हीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आलोक में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया जायेगा।
सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे फोड़ने का इजाजत नहीं होगी। निजी स्थलों पटाखा फोड़ने को लेकर दी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुरुप अलग से आदेश जारी किया जायेगा। काली पूजा का आयोजन अपने घरों या मंदिरों में किया जा सकता है। साथ हीं छोटे पंडाल या उन स्थलों पर जहां हमेशा से पूजा होता आया है। किसी भी थीम पर पंडालों को निर्माण नहीं किया जायेगा। पंडाल चारों ओर बैरिकेड किया जायेगा, ताकि लोग प्रतीमा के समीप न पहुंच सके। काली पूजा के पंडालों में बैरीकेडिंग के अंदर आॅर्गनाईजर सहित अधिकतम 15 लोग ही अंदर जा सकेंगे। मास्क और छह फीट की दूरी रखते हुए लोग बैरिकेडिंग के बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे। छः फीट की दूरी के लिए स्पेशल मार्किंग करने का निर्देश संबंधित पूजा पंडालों व पूजा समितियों को दी जाती है। पूजा पंडाल या मंडप के आसपास किसी तरह की कोई लाइटिंग या सजावट नहीं की जाएगी। किसी तरह का कोई स्वागत द्वार और तोरण द्वार का निर्माण नहीं किया जायेगा। सिर्फ जहां पूजा होगा, वहीं पंडाल होगा जबकि शेष अन्य जगह खुला रहना है।
माईक सिस्टम या मंत्र/पाठ/आरती के प्रसारण की अनुमति सुबह 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक की होगी। इसकी ध्वनि 55 डेसिबल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अदालत व अस्पताल परिसर से 100 मीटर की दूरी पर हीं माईक सिस्टम बजाने की अनुमति होगी। किसी तरह का कोई मेला का आयोजन नहीं होगा। पूजा पंडालों के आस-पास किसी तरह का कोई फूड स्टॉल नहीं लगाया जा सकेगा।
विसर्जन जुलूस की मनाहीं, प्रतीमाओं का विर्सजन जिला प्रशासन द्वारा चिन्ह्ति स्थानों पर होगा। किसी तरह का कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नही होगा। किसी तरह के प्रसाद, भोग या अन्य सामानों के वितरण पर रोक रहेगी। आयोजकों की ओर से आमंत्रण पत्र बांटने पर पूर्ण रूप से पाबंदी रहेगी। किसी तरह का सार्वजनिक आयोजन करने पर रोक रहेगी। साथ हीं पंडालों का किसी तरह के उद्घाटन कार्यक्रम नहीं होगा। फेस कवर और मास्क पहनना सभी के लिए अनिवार्य होगा। छह फीट की दूरी (सामाजिक दूरी) रखकर ही सारे आयोजन करने की अनुमति होगी। इन नियमों का अनुपालन नहीं करने या उल्लंघन करने पर उक्त पूजा समिति या संबंधित पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
उपायुक्त ने संबंधित सभी वरीय अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों सभी प्रखण्डों के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारियों को तमाम निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। उपायुक्त ने कहा कि पंडालों और पूजा मंडप में कोविड नियमों का अनुपालन अनिवार्य रूप से रहेगा लागू। साफ-सफाई पर विशेष रूप से ध्यान के साथ मास्क का उपयोग और सामाजिक दूरी का पालन सभी के लिए रहेगा लागू।