हेमंत सरकार ने दिया राज्यवासियों को तोहफा , तो कहीं रुलाया भी
हेमंत सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. झारखंड के कर्मियों को अब 17 प्रतिशत के बजाय 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा. यह निर्णय केंद्र द्वारा लिये गये फैसले के ही अनुरूप है. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है.
अब राज्य के कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 की तिथि से महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत के बजाय 28 प्रतिशत देय होगा. बता दें कोरोना के कारण में पूरे देश में जनवरी माह से महंगाई भत्ते की वृद्धि पर रोक लगा दी गयी थी. केंद्र सरकार ने हाल में ही इस रोक को हटा दिया था. अब राज्य सरकार ने उसी आलोक में दो लाख राज्यकर्मियों को बढ़ा महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया है. यह लाभ पेंशनधारियों और पारिवारिक पेंशक के लाभुकों को भी मिलेगा. कर्मचारियों को एरियर देय नहीं होगा.
हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनट की बैठक में कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है.
जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री महंगी होगी
राज्य में जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में अब ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा. मंत्रिमंडल ने स्टांप ड्यूटी में वृद्धि कर दी है. बताया गया है कि इससे राज्य सरकार को सालाना लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. लेकिन इसके साथ ही एक राहत यह दी गयी है कि मनोरंजन फीस और कोर्ट फीस के रूप में अतिरिक्त 110 प्रतिशत का अधिभार को निरस्त कर दिया गया है.
गाड़ियों पर अब ज्यादा टैक्स
झारखंड मोटरगाड़ी नियमावली 2021 को मंजूरी दी गयी है. इसके तहत गाड़ियों के पंजीकरण और सभी प्रकार के शुल्क में भी वृद्धि की गयी है. जाहिर है, इससे लोगों की जेब पर बोझ बढ़ेगा.
आईटीआई में कॉशन मनी बढ़ी
सरकारी आईटीआई में एडमिशन लेनेवाले छात्रों को एडमिशन के समय कॉशन मनी के रूप में 50 रुपये की जगह अब 500 रुपये जमा करना होगा. यह राशि बाद में वापस कर दी जायेगी.
कैबिनेट के अन्य फैसले
झारखंड राज्य विधि आयोग को 13 नवंबर 2021 तक तक अवधि विस्तार दिया गया है.
मधुपुर उपचुनाव में खर्च किये गये साढ़े पांच करोड़ की राशि को घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी है.
रामगढ़ जिले में बरलंगा-नेमरा-कसमा पथ को दो लेन में बनाने की योजना मंजूर की गयी है. इसपर 176 करोड़ लागत आयेगी.
डीवीसी और एनटीपीसी को अब सीधे कोषागारों से राशि का भुगतान किया जा सकेगा. कैबिनेट ने इससे जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया है.
सरकारी स्कूलों में 9वीं और 10वीं के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है.