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न्याय को सरल , सुलभ बनाना आपका काम , गरीबो की मददकरें लोक अभियोजक:- Hemant Soren

Hemant Soren

प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

आप सभी अब न्यायिक प्रणाली का एक अनिवार्य हिस्सा बनकर काम करने जा रहे हैं, जो कि सरकार की एक शाखा है। आप यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे कि न्याय सरल, सुलभ और सस्ता हो, अधूरे वादों को जल्दी से पूरा किया जाए, और यह कि गरीब और आम लोग इसे प्राप्त करें। परियोजना भवन स्थित सचिवालय सभागार में बुधवार को आयोजित समारोह में सहायक अभियोजन सेवा के लिए चयनित 107 सहायक लोक अभियोजकों को नियुक्ति पत्र भेंट करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निम्न उद्गार व्यक्त किये. मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय व्यवस्था में आप अपने कर्मों पर निर्भर रहेंगे. मुझे पूरी उम्मीद है कि आप अपना कर्तव्य निभाते हुए न्याय के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद पहली बार सहायक लोक अभियोजक नियुक्त किए गए हैं. इस स्थिति में आपके रास्ते में कई बाधाएँ आएंगी यदि आप चाहते हैं कि अदालत में किए गए वादों को जल्दी से पूरा किया जाए। आम आदमी खासकर गरीबों को न्याय दिलाना आपकी सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा, आप उन निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने में मदद करने में महत्वपूर्ण होंगे जो विभिन्न अपराधों के लिए जेल में बंद हैं और जेल में सड़ रहे हैं।

कई गरीब लोग आर्थिक कमी के कारन नहीं लड़ पाते है न्याय की लड़ाई 

मुख्यमंत्री के अनुसार, धन की कमी के कारण कई गरीब और निर्दोष लोग अदालती खर्च को कवर करने में असमर्थ थे। ऐसे में वे कैद में रहने को मजबूर हैं। हमारा लक्ष्य सरकार के लिए सभी कानूनी संसाधन उपलब्ध कराना रहा है ताकि जो लोग छोटे-मोटे आरोपों में लंबे समय से जेल में बंद हैं, उन्हें मुक्त किया जा सके। इसी कड़ी में सरकार भी कम भाग्यशाली लोगों को वकीलों तक पहुंच प्रदान कर उनकी मदद करती है। आपको लोगों को इसके बारे में बताना चाहिए ताकि कोई भी न्याय से वंचित न रह जाए क्योंकि उनके पास कानूनी प्रतिनिधित्व की कमी है।

लोगों को कानूनी रूप से जागरूक करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों का एक ऐसा वर्ग है, जिनमें अधिकांश को कानून की जानकारी नहीं होती है। ऐसे में उनको न्याय दिलाना कितना कठिन होगा, इसे सहज ही समझा जा सकता है। आप सभी ऐसे लोगों को कानूनी रूप से जागरूक करें और उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली कानूनी सहायता की जानकारी दें, ताकि वे न्याय से वंचित ना हो पाएं।

प्रशिक्षण में स्थानीय भाषा की भी जानकारी दी जाएगी : सीएम ने कहा कि झारखंड में हर जिले में अलग-अलग भाषा, रहन-सहन देखने को मिलता है। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में हिंदी से ज्यादा स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती हैं। ऐसे में आप जब तक स्थानीय भाषा को नहीं समझेंगे, उनके साथ ना तो अच्छे से संवाद कर पाएंगे और ना ही न्याय दिला सकेंगे। आपको प्रशिक्षण के दौरान स्थानीय और क्षेत्रीय भाषा की भी जानकारी मिले, इस दिशा में पहल की जाएगी।

लंबित वादों की वजह से जेलों में कैदियों की बड़ी संख्या

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी इस बात से भली-भांति वाकिफ हैं कि यहां न्याय मिलने में कितना वक्त लगता है। वर्षों तक अदालतों में मामलों पर सुनवाई होती रहती है। इस वजह से लंबित केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी वजह से जेलों में भी कैदियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यह हमारे देश और राज्य के लिए बेहतर नहीं है। लोगों को जल्द से जल्द कैसे न्याय मिले, इस दिशा में हम सभी को विशेष तौर पर कार्य करने की जरूरत है।

 

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