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IMA News :- एमपीए व सीईए लागू नहीं हुआ तो ओपीडी में नहीं बैठेंगे डॉक्टर, 13 को सभी जिलों में सौंपेंगे मेमोरेंडम

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Prerna  Chourasia

Drishti  Now ,Ranchi

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) व झासा की कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक रविवार को करमटोली स्थित आईएमए भवन के सभागार में हुई। बैठक के दौरान दोनों संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य स्वास्थ्य मंत्री के उदासीन रवैये से परेशान दिखे।

मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट, क्लीनिकल ईस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू नहीं करने के साथ जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी द्वारा वहां के सिविल सर्जन पर अभद्र टिप्पणी का विरोध किया गया। रांची डॉ. सौरभ शर्मा की सड़क दुर्घटना में मौत व धनबाद के अस्पताल में आगजनी में मृत डॉक्टर दंपती के परिजनों को सरकार से मुआवजा देने की मांग की गई।

बैठक के बाद आईएमए के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. एके सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री चिकित्सकों के हर कार्यक्रम में भाषण की शुरुआत मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट (एमपीए) व क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट (सीईए) लागू करने को लेकर करते हैं, लेकिन कुछ नहीं हो रहा है। झूठा आश्वासन दे रहे हैं। सरकार बने तीन साल हो गए, मगर अब तक न ही एमपीए लागू हुआ और न ही सीईए लागू हुआ है।

आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी डॉ. प्रदीप सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि 20 दिन में यदि सरकार ने एमपीए या सीईए लागू करने की दिशा में पहल नहीं की तो चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसके तहत राज्यभर में ओपीडी बहिष्कार से शुरुआत की जाएगी। 13 फरवरी को राज्य के सभी जिलों में प्रशासन को मेमोरेंडम सौंपा जाएगा।

वहीं, झारखंड आईमए वीमेंस विंग की अध्यक्ष डॉ. भारती कश्यप ने बैठक के दौरान धनबाद के डॉक्टर दंपती की मौत और रिम्स के डॉ. सौरभ की सड़क हादसे में मौत का मुद्दा उठाया। उन्होंने धनबाद के डॉक्टर दंपती की मौत पर उचित सरकारी मुआवजा देने की मांग की।

साथ ही डॉ. सौरभ की मौत के बाद उनकी पत्नी डॉ. खुशबू को भी मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी देने की मांग की। बताते चले कि डॉ. सौरभ रिम्स के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे, जबकि उनकी पत्नी में मेडिका अस्पताल में बतौर एनेस्थेटिस्ट सेवा दे रही हैं।

अनुबंधित पारा मेडिकल कर्मियों की मांग वाजिब

इधर, बैठक में निर्णय लिया गया कि नियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे अनुबंधित पारा मेडिकल कर्मियों की मांग जायज है। आईएमए व झासा उनका पूर्ण समर्थन करता है। डॉ. प्रदीप सिंह ने कहा कि पूरा चिकित्सक वर्ग उनके साथ है। जरूरत पड़ेगी तो वे भी पारामेडिकल कर्मियों के आंदोलन में शामिल होंगे।

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