झारखंड: वकीलों के लिए पहली स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू, 27,000 अधिवक्ताओं को मिलेगी राहत
झारखंड सरकार ने राज्य के वकीलों और उनके परिवारों के लिए एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए अधिवक्ता स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की है। इस योजना का औपचारिक शुभारंभ 3 मई 2025 को रांची के खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। इस अवसर पर उन्होंने अधिवक्ताओं को स्वास्थ्य बीमा कार्ड भी वितरित किए, जो इस योजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं का प्रतीक है।
योजना की खासियतें
पहला राज्य: झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां वकीलों और उनके आश्रितों के लिए विशेष स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की गई है।
लाभार्थी: इस योजना के तहत झारखंड हाईकोर्ट और राज्य के विभिन्न जिलों में प्रैक्टिस करने वाले लगभग 27,000 अधिवक्ता और उनके परिवार स्वास्थ्य सुरक्षा के दायरे में आएंगे।
उद्देश्य: इसका मुख्य मकसद वकीलों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य संबंधी आर्थिक चुनौतियों से निजात दिलाना है। बीमारी के दौरान इलाज का खर्च उठाने में यह योजना महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगी।
आर्थिक राहत: यह योजना वकीलों को न केवल स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करेगी, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें मजबूती देगी, जिससे वे अपने पेशे पर बेहतर ध्यान दे सकें।
शुभारंभ समारोह
शुभारंभ समारोह में कई गणमान्य लोग शामिल हुए, जिनमें शामिल थे:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जिन्होंने इस योजना को वकीलों के लिए एक ऐतिहासिक सौगात बताया।
मंत्री: राधा कृष्ण किशोर, सुदिव्य सोनू, दीपिका पांडेय सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की, इरफान अंसारी और संजय यादव।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव: अजय कुमार।
महाधिवक्ता और झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य।
विभिन्न जिलों के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव।
हाईकोर्ट के हजारों वकील, जिन्होंने इस पहल का उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
महत्व और प्रभाव
यह योजना न केवल वकीलों के लिए एक वरदान है, बल्कि यह झारखंड सरकार की संवेदनशीलता और सामाजिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। वकील समाज में न्याय व्यवस्था की रीढ़ होते हैं, और उनकी आर्थिक व स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना एक दूरदर्शी कदम है। इस योजना के जरिए वकीलों को स्वास्थ्य संबंधी अनिश्चितताओं से मुक्ति मिलेगी, जिससे वे अपने पेशे में और अधिक निष्ठा व समर्पण के साथ काम कर सकेंगे।
एक मिसाल
यह योजना अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है। झारखंड की इस पहल से प्रेरित होकर देश के अन्य हिस्सों में भी वकीलों और अन्य पेशेवर समुदायों के लिए ऐसी योजनाएं शुरू हो सकती हैं। साथ ही, यह योजना वकीलों के बीच सरकार के प्रति विश्वास को और मजबूत करेगी।
इस शुभारंभ ने न केवल वकील समुदाय में उत्साह पैदा किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सरकार अपने नागरिकों के कल्याण के लिए नवीन और समावेशी कदम उठाने को तैयार है।





