Jharkhand Jannayak AK Rai's third anniversary today

झारखंड के जननायक कॉमरेड एके राय की तीसरी पुण्यतिथि आज Jharkhand Jannayak AK Rai’s third anniversary today

Jharkhand Jannayak AK Rai’s third anniversary today

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धनबाद: कोयलांचल के पूर्व सांसद और झारखंड के जननायक कॉमरेड एके राय की तीसरी पुण्यतिथि आज बंगाली उन्नयन समिति के द्वारा लिंडसे क्लब में मनाई गई. आपको बता दें कि कॉमरेड एके राय धनबाद के पूर्व सांसद रह चुके थे और उन्होंने एक ऐसी मिसाल पेश की है जो पूरे देश के सांसदों के लिए एक मिसाल बन कर रह गई है.

झारखंड के बड़े नेता मार्क्सवादी चिंतक और धनबाद के पूर्व सांसद एके राय का निधन 21 जुलाई को 3 वर्ष पूर्व रविवार सुबह 11.15 बजे सेंट्रल अस्पताल में हो गया था. अंतिम सांस लेने से पूर्व वह 13 दिन से सेंट्रल अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने बिनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन के साथ काम किया था. झारखंड अगल राज्य आंदोलन में सक्रिय रहे. झामुमो के संस्थापकों में भी राय दा शामिल थे. शिबू सोरेन से अलग होने के बाद उन्होंने मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) नाम से राजनीतिक पार्टी बनाई.

एके राय का जन्म पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के राजशाही जिला अंतर्गत सपुरा गांव में 15 जून 1935 में हुआ था. वह केमिकल इंजीनियर बनकर धनबाद आए थे. बाद में कोयला मजदूरों की पीड़ा और शोषण से व्यथित होकर आंदोलनकारी बन गए. देखते-देखते केमिकल इंजीनियर एके राय ने लाल झंडा थाम लिया और आंदोलन करने लगे. इंजीनियर का पेशा छोड़ सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों में सक्रिय हो गए. वह तीन बार धनबाद के सांसद और तीन बार सिंदरी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. उन्होंने जेपी आंदोलन में भी हिस्सा लिया था. मार्क्सवाद और मजदूर आंदोलन पर इनके लेख विदेशों में भी प्रकाशित हुए. एके राय की प्रमुख पुस्तकों में हिंदी में योजना और क्रांति, झारखंड और लालखंड, अंग्रेजी में बिरसा से लेनिन और नई दलित क्रांति के अलावा पत्र पत्रिकाओं में सामयिक आलेख भी प्रकाशित होते रहे. उनका लेखन झारखंड आंदोलन और राजनीति पर फोकस रहा.

कॉमरेड एके राय ने तीन बार सांसद और तीन बार विधायक रहने के बाद भी सरकार से एक रुपया नहीं लिया और उन्होंने अपना पेंशन भी सरकार से नहीं लिया था. इतना ही नहीं ना ही उनका अपना घर, ना कि जमीन, न हीं गाड़ी, ना ही राजशाही ठाट-बाट ऐसा सांसद ना हुआ है और ना होगा.

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