न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी उच्च न्यायालय झारखण्ड ने बाल सम्प्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया.
सिमडेगा, शंभू कुमार सिंह.
सिमडेगा : बाल संप्रेक्षण गृह का जायजा लिया न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी, उच्च न्यायालय ने । शनिवार को जिला आगमन पर सिविल कोर्ट के कार्यो का अवलोकन किया । वस्तु स्थिति की जानकारी एडीजे मधुरेश वर्मा से ली। उसके उपरांत उन्होने बाल सम्प्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया। जहां उपायुक्त सुशांत गौरव एवं पुलिस कप्तान डाॅक्टर शम्स तब्रेज ने उनका स्वागत किया। उन्होंने सम्प्रेक्षण गृह के सभी कमरो का जायजा लिया। कमरो की रख-रखाव, साफ-सफाई, दैनिक गतिविधि की जानकारी एवं संवासी को दिये जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। साथ ही उन्होने किशोरों के रहने वाले कमरे, शौचालय की जांच की। मूलभूत सुविधाओं सहित कमरो को बेहतर तरीके से सुसज्जित करने की बात कही।
प्रतिदिन बच्चों को निर्धारित समय अवधि अन्तर्गत निवर्हन किये जाने वाले कार्यों को समयबद्ध किया जा रहा है या नहीं उसकी जानकारी ली। बच्चों के शारीरिक रूप से फिट रखने हेतु योगा टीचर की बहाली करने को कहा। पुरे गृह परिसर में अनुशांसन का शतप्रतिशत अनुपालन हो। आने वाले दिनों में बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में कौशल विकास हेतु कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षण, स्मार्ट क्लास का संचालन कराया जाए। किशोर न्याय बोर्ड, रिक्रेशन रूम, स्मार्ट क्लास रूम, डायनिंग रूम इत्यादि भवनों का निरीक्षण किया। उन्होने कहा गृह के बच्चों से आॅनलाईन सम्पर्क स्थापित कर उन्हे बेहतर परापर्श एवं उनकी हाल-चाल की वस्तु स्थिति की जानकारी लेने हेतु आॅनलाईन सुविधा को बेहतर बनायें।
बच्चों के उज्जवल भविष्य एवं उन्हे मुख्य दिशा की ओर अग्रसर करने की दिशा में अधिकारियों को महत्वपूर्ण सुझाव दियें। गृह के 23 संवासियों को अलग-अलग बुलाकर उनकी काॅन्सीलिंग की। उन्होने बच्चों को गृह के माध्यम से दिये जाने वाले सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए उनके बेहतर भविष्य हेतु परामर्श दिये गए। उन्होने गृह अधीक्षक को निर्देश दिया कि गृह में पौधों का गमला प्राप्त मात्रा में उपलब्ध करायें। संवासियों को क्रमबद्ध तरीके से गमला आवंटित करते हुए गमला की रख-रखा करने की जिम्मेवारी सौंपने की बात कही। ताकि बच्चों में जिम्मेवारी की भावना आयें।
उपायुक्त सुशांत गौरव ने माननीय न्यायाधीश को बाल सम्प्रेक्षण गृह के आवश्यक मूल भूत सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि जिले में मानव तस्करी पर अंकूश लगाने हेतु सभी प्रखण्ड में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं थाना प्रभारी के माध्यम से चैकीदार, सेविका, सहायिका, वार्ड सदस्य के द्वारा गांव, टोला स्तर पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। जो भी व्यक्ति बाहर से आ रहे एवं गांव, टोलो के व्यक्ति जिले से बाहर जा रहे है, उनकी पंजी संधारण करने की कार्रवाई की जा रही है। ताकि किसी भी तरह की समस्या होने पर व्यक्ति को तुरन्त ट्रेसआट करते हुए कार्रवाई की जा सके, साथ हीं मानव तस्करी के कंलक से जिला को मुक्त किया जा सके।