मेयर आशा लकड़ा ने राज्य सरकार से 175 करोड़ रुपये की मांग की.
Team Drishti.
रांची : सड़क, नाली व स्ट्रीट लाइट समेत शहर के अन्य विकास कार्यों के लिए मेयर आशा लकड़ा ने राज्य सरकार से 175 करोड़ रुपये की मांग की है। इस संबंध में शुक्रवार को उन्होंने नगर विकास विभाग के सचिव से भी मुलाकात की। उन्होंने सचिव के समक्ष रांची नगर निगम की आवश्यकताओं को प्रमुखता के साथ रखा और जल्द से जल्द फंड आवंटित करने की मांग की। विभागीय सचिव ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि सड़क व नाली निर्माण के लिए फंड आवंटित करने की प्रक्रिया केंद्रीय स्तर पर चल रही है। फंड आवंटित होते ही रांची नगर निगम को आवश्यक्तानुसार फंड उपलब्ध कराया जाएगा। सचिव ने यह भी कहा कि स्ट्रीट लाइट के लिए नागरिक सुविधा मद से फंड आवंटित की जाएगी। उन्होंने मेयर से कहा कि नगर निगम ओर भेजे गए प्रस्ताव को पुनः दुबारा भेजिए प्रस्ताव मिलते ही राशि आवंटित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मेयर ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में रांची नगर को आवश्यकता के अनुरूप काफी कम फंड आवंटित किया गया है। 53 वार्डों के कई इलाकों में स्थानीय लोग सड़क, नाली व स्ट्रीट लाइट की मांग कर रहे हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते आम लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करना मेरा कर्तव्य है। रांची झारखंड राज्य की राजधानी है। राजधानी के अवलोकन से ही राज्य की तस्वीर का आकलन होता है। जहां तक मैं समझती हूं मुख्यमंत्री भी राजधानी की सड़क, नाली व स्ट्रीट लाइट के वर्तमान हालात से अच्छी तरह वाकिफ हैं। पथ निर्माण विभाग व नगर विकास विभाग के मंत्री भी स्वयं मुख्यमंत्री ही हैं।
मेयर ने कहा कि समाचार पत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बरियातू रोड के गढ्ढों की मरम्मत के लिए JUIDCO ने और बरियातू सड़क के निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग ने एक साथ टेंडर निकाला है। फिर भी मुख्यमंत्री के संज्ञान में अब तक यह बात नहीं आई है। मुझे आश्चर्य हो रहा है कि जिन विभागों के मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री हैं, वहां विभागीय अधिकारियों को लूट की छूट दे दी गई है। एक ही सड़क के लिए दो विभाग अलग-अलग टेंडर निकाल रहा है। एक विभाग सड़क पर बने गड्ढों को भरने के लिए लाखों का टेंडर कर रहा है, जबकि दूसरे विभाग ने करोड़ों का टेंडर निकालकर सड़क निर्माण कराने की तैयारी कर रहा है। मैं राज्य सरकार से पूछना चाहती हूं कि बरियातू सड़क के मरम्मत व सड़क निर्माण के लिए अलग-अलग टेंडर निकालने के पीछे अधिकारियों की मंशा क्या है? क्या अधिकारी विभागीय मंत्री को गुमराह कर टेंडर का खेल रहे हैं? जब नगर विकास विभाग के सचिव ने स्वयं बरियातू रोड का निरीक्षण कर JUIDCO के अधिकारी को टेंडर के माध्यम से मरम्मत कार्य कराने का निर्देश दिया था तो पथ निर्माण विभाग ने सड़क निर्माण कराने का टेंडर कैसे निकाल दिया। कहीं ऐसा तो नहीं कि एक ही कार्य के लिए दो विभाग अलग-अलग टेंडर निकालकर टेंडर घोटाला करने का प्रयास कर रहे हैं। एक ओर नगर विकास विभाग के सचिव कहते हैं कि पूर्व में प्रस्तावित चार स्मार्ट रोड पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है और दूसरी ओर हस्तांतरण प्रक्रिया पूरा होने के पहले ही बरियातू रोड के निर्माण कार्य का टेंडर निकाला जा रहा है। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करती हूं कि विभागीय अधिकारियों पर नकेल कसें। कहीं ऐसा न हो कि विभागीय अधिकारियों की करतूत के कारण आपकी फजीहत हो जाए।