पेगासस जासूसी कांड के खिलाफ विपक्षी राजनितिक पार्टियों ने जाँच की मांग की
इजऱायरली सॉफ्टवेयर के जरिये भारत सहित दुनिये के कई देशो में जासूसी का मामला ने अब पूरी तरह राजनितिक रूप ले दिए है। भारत के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी राजनितिक पार्टियां इस पर जाँच की मांग कर रहे है। संसद के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी मामले को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी है. हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही जहां दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. वहीं राज्य सभा की कार्यवाही भी 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
विपक्ष जासूसी कांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान चाहता हैं. आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई पीएम मोदी के बयान को लेकर विपक्ष हंगामा करने लगा. इसके बाद दोनों सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
इससे पहले आज भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कई राज्यों में कांग्रेस खत्म हो रही है. कांग्रेस केवल आरोपों की राजनीति करती है. सांसदों को संसद में मौजूद रहना चाहिए.
पेगासस जासूसी कांड के खिलाफ संसद भवन परिसर के बाहर सुबह 10:30 बजे टीएमसी के सांसदों ने धरना प्रदर्शन किया.
बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित : लोकसभा में मंगलवार को विपक्षी सदस्यों ने कुछ विषयों पर आसन के समीप आकर नारेबाजी की और सदन की बैठक शुरू होने के पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. बैठक शुरू होने पर विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी बात कहना चाह रहे थे जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे कहा कि यदि वे कुछ कहना चाहते हैं तो पहले नोटिस दें। विपक्ष संसद के मानसून सत्र में सरकार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों, पेगासस जासूसी मामला, महंगाई समेत विभिन्न विषयों पर घेरने का प्रयास कर रहा है. इस बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भाजपा सदस्य जसकौर मीणा के पूरक प्रश्न का उत्तर दिया.
विपक्षी सदस्य प्लेकार्ड लेकर आसन के समीप पहुंच गये : विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे प्लेकार्ड लेकर आसन के समीप पहुंच गये. अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि सदन में तख्तियां लाना नियम प्रक्रिया के तहत उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कल कहा था कि वह हर विषय पर जवाब देने को तैयार है. उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाकर बैठें और जिन मुद्दों पर भी चर्चा करना चाहते हैं, सरकार उसके लिए तैयार है.
विपक्ष नारेबाजी क्यों कर रहा : स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा की प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुकी है. तो फिर विपक्ष नारेबाजी क्यों कर रहा है. यह उचित नहीं है. जिस विषय पर चर्चा चाहते हैं, उसके लिये नोटिस दें…हालांकि विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने 11:05 बजे बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
राहुल गांधी का भी नाम : आपको बता दें कि कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि स्पाइवेयर पेगासस के जरिये जिन लोगों की जासूसी की गयी, उनमें उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का भी नाम है. कांग्रेस ने इस मामले की जांच कराने और जांच से पहले गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की है. वहीं सरकार ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह देश को बदनाम करने की साजिश मात्र है. जनता इस ‘क्रोनोलॉजी’ को अच्छे से समझती है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि भाजपा के डर पर हंसी आती है. वहीं, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस संसद के मॉनसून सत्र में इस मुद्दे को उठायेगी. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि सरकार राहुल गांधी, मीडिया, खुद के कैबिनेट मंत्रियों और मीडिया समूहों के फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रही थी?
पहले डिस्कसन उसके बाद प्रेजेंटेशन : आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहले डिस्कसन उसके बाद प्रेजेंटेशन… यदि वे डिस्कसन नहीं चाहते और सभी सांसदों को प्रेजेंटेशन देना है तो सेंट्रल हाल में दें…यदि कोविड की वजह से आप एक ही जगह नहीं बैठा सकते तो 2 दिन कर सकते हैं या सुबह शाम एक दिन में भी कर सकते हैं…
रविशंकर प्रसाद बोले- आरोप शिष्टाचार से परे : पूर्व संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तो इतिहास ही जासूसी का रहा है. यह देश विरोधी एजेंडा चलाने वालों की साजिश है.
ऐसे साजिशकर्ता देश को विकास की पटरी से नहीं उतार पायेंगे : गृह मंत्री
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में कांग्रेस व उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर निशाना साधा, जिन्होंने कथित तौर पर भारतीय नेताओं, पत्रकारों और अन्य बड़ी हस्तियों के जासूसी का दावा किया. शाह ने कहा कि ऐसी अवरोधक और विघटनकारी ताकतें अपनी साजिशों से भारत को विकास की पटरी से नहीं उतार पायेंगी. उन्होंने कहा कि इस तथाकथित रिपोर्ट को जारी करने के समय और फिर संसद में व्यवधान पैदा करने की क्रोनोलॉजी को समझिए. देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मॉनसून सत्र से ठीक पहले देर शाम एक रिपोर्ट आती है, जिसे कुछ वर्गों द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया जाता है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए और अपने पुराने ‘नैरेटिव’ के तहत वैश्विक स्तर पर भारत को अपमानित किया जाए. कुछ वैश्विक संगठन भारत की प्रगति को पसंद नहीं करते हैं. जनता इस ‘क्रोनोलॉजी’ और रिश्ते को बहुत अच्छे से समझती है.
पेगासस जासूसी में इनके भी नाम होने का दावा : तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, शीर्ष वैज्ञानिक गगनदीप कांग आदि.
मॉनसून सत्र से ठीक पहले रिपोर्ट महज संयोग नहीं : सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस फोन टैपिंग मामले को लेकर सोमवार को लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने मामले को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जासूसी के आरोप गलत हैं. संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले इस तरह की रिपोर्ट का अाना महज संयोग नहीं है. यह भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास है. कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है, तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार पर इस तरह के आरोप लगाये गये थे, जिसे सिद्ध नहीं किया जा सका.
क्या है मामला : द वाशिंगटन पोस्ट ने दुनियाभर के 16 मीडिया सहयोगियों के साथ रविवार को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें इस्राइली सॉफ्टवेयर पेगासस के माध्यम से नेताओं, पत्रकारों व कई प्रमुख हस्तियों के फोन टैप करने का दावा किया गया.
राहुल की जासूसी का दावा, शाह बोले- आरोप की क्रोनोलॉजी समझें
पेगासस प्रकरण पर हंगामा . कांग्रेस ने की जांच की मांग
पहले भी लगे हैं आरोप, पर नहीं हुए साबित : सरकार