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शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती के सानिध्य में सनातन सरना धर्म के करीबन 200 लोगों ने की घर वापसी

शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती के सानिध्य में
सनातन सरना धर्म के करीबन 200 लोगों ने की घर वापसी
सरना और सनातन धर्म में वापसी करने वाले सभी को अन्न व अंगवस्त्र दिया गया
झारखंड में करीबन 200 लोगों की घर वापसी हुई है और यह घर वापसी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पश्चिमी सिंहभूम जिले के पारलीपोस स्थित विश्व कल्याण आश्रम के  परिसर में हुई है । गुरुवार को द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने सरना सनातन धर्म से भटके हुए करीब 200 लोगों की घर वापसी कराई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सभी ने स्वेच्छा से शंकराचार्य के कर कमलों से गंगा जल ग्रहण किया। आचार्य रवि शंकर शास्त्री ने वैदिक मंत्रोचारण व श्रीराम नाम के जाप के साथ घर वापसी का अनुष्ठान  कराया।
बताया जाता है कि ईसाई मिशनरियों के छल-प्रपंच के चक्कर में आकर सनातन सरना धर्म के लोगों ने मतांतरण किया था। मतांतरण करने वालों में ज्यादातर आदिवासी और मूलवासी थे। ऐसे लोगों की घर वापसी के लिए विश्व कल्याण आश्रम में शंकराचार्य की उपस्थिति में कार्यक्रम हुआ। खबरों के मुताबिक लोग घर वापसी कर खुश हैं। उन्होंने सनातन धर्म और संस्कृति पर अपना विश्वास व्यक्त किया है।
पश्चिमी सिंहभूम जिले के तीन प्रखंडों समेत करीब 30 गांवों के लगभग 200 महिला, पुरुष व बच्चों ने सरना-सनातन धर्म में वापसी की।
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