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झारखण्ड PIL हटाने के बदले कैश मामला : अमित अग्रवाल ईडी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

झारखण्ड PIL हटाने के बदले कैश मामला

कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल ने जनहित याचिका मामले में उन्हें गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

उनकी आपराधिक रिट याचिका 410/2022 पर भारत के मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित की अदालत सोमवार को सुनवाई होगी। इसे सुप्रीम कोर्ट ने मामला संख्या 68 के रूप में सूचीबद्ध किया है इस मामले में रंजीता रोहतगी उनकी वकील हैं।

अमित अग्रवाल ने कहा है कि वह झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजीव कुमार के खिलाफ वे शिकायतकर्ता थे। अमित अग्रवाल ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने वकील को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया था, जिसे वकील ने शेल कंपनी से संबंधित जनहित याचिका में राहत देने के एवज में उससे वसूला था।

अमित अग्रवाल ने कहा कि ईडी ने इस मामले को जांच के लिए लिया और शिकायतकर्ता होने के बावजूद उन्हें राजीव कुमार के साथ एक आरोपी के रूप में नामित किया । अमित अग्रगवाल के मुताबिक ऐसा माना गया है की ईडी और कोलकाता पुलिस ने उसके खिलाफ मिलीभगत की है लगातार उसे परेशान किया जा रहा है।

विशेष रूप से, अधिवक्ता राजीव कुमार, जो याचिकाकर्ता शिव के लिए एक शेल कंपनी से संबंधित जनहित याचिका 4290/21 पर बहस कर रहे थे राजीव कुमार को 31 जुलाई को कोलकाता में नकदी के साथ गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी अमित अग्रवाल की लिखित शिकायत के आधार पर की गई थी कि राजीव कुमार ने उन्हें रुपये का भुगतान करने के लिए मजबूर किया था। जनहित याचिका में उनके नाम के साथ-साथ उनकी कंपनी को भी नहीं घसीटने के लिए 10 करोड़ देने का दबाब डाला गया । अमित अग्रवाल ने यह भी कहा कि राजीव कुमार ने उन्हें यह भी बताया कि राशि की आवश्यकता थी क्योंकि उन्हें अदालत और प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों का प्रबंधन करना था। कोलकाता पुलिस ने ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी को नोटिस भी जारी किया है.

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