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कांग्रेस में झारखण्ड लैंड म्यूटेशन बिल को लेकर उठे विरोध के स्वर

दृष्टि ब्यूरो

झारखण्ड विधानसभा का कल से आहूत मानसून सत्र को लेकर आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस के सभी विधायकों ने भाग लिया. वही बैठक के बाद बाहर निकले विधायक बंधु तिर्की ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि झारखण्ड लैंड म्यूटेशन बिल को लेकर जो मेरा विरोध था उसे मैने विधायक दल की बैठक में रख दिया है, मेरी आपत्ति से दल के अन्य विधायक भी सहमत थे, अब इसपर विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष निर्णय लेंगे और इसपर मुख्यमन्त्री से बात करेंगे. उन्होनें कहा अगर सदन में अगर ये बिल आता है तो इसपर जो पार्टी का निर्देश होगा उसपर अमल करेंगे. वही विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि ये छोटा सत्र है कोशिश होगी कि जनता से जुड़े जो मुद्दे हैं वो इसमे आये, जहां तक लैंड म्यूटेशन बिल का सवाल है तो इसका अंजाम क्या होगा इसके लिए 24 घंटा इंतजार करना पड़ेगा. गौरतलब है कि इससे पूर्व बीजेपी की सरकार ने भी रेवेन्यु प्रोटेक्शन बिल के नाम पर इसे लाया था, लेकिन मुझे लगता है कि वही बिल था जिसे पास कराने की कोशिश किया गया था. उन्होनें कहा कि झारखण्ड की जनता के अनुरूप ही निर्णय लेंगे, फिलहाल अभी हम उस बिल को देखेंगे उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे.

इस पूरे मामले पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उराँव ने साफ कहा कि इस बिल में कुछ खामियां हैं इसपर मुख्यमन्त्री से बात करेंगे कि इसको कैसे किया जाए. हालांकि मंत्री परिषद ने बिल पास कर दिया लेकिन बहुत सारे लोग इसपर पार्टी नेताओं से और मुझसे मिलकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. जहां तक गठबंधन में सामंजस्य की बात है तो ये एक मजबूत गठबंधन है और गठबंधन को पूर्ण बहुमत प्राप्त है.

फिलहाल कांग्रेस जो कह ले लेकिन मॉनसून सत्र में हेमंत सरकार विपक्ष के साथ साथ अपनो की चुनौती को कैसे झेलती है देखना दिलचस्प रहेगा.

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