Img 20200926 171512

40 साल से एक अदद रास्ता ना मिलने से भड़के ग्रामीण

दृष्टि ब्यूरो
बोकारो के महेशपुर गाँव के सैकड़ों ग्रामीणों ने रेलवे अधिकारी को रेलवे के कानूनी निर्देश का बोर्ड लगाने से किया मना। रास्ते की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा की गई नारेबाज़ी भी की गई । दरअसल गाँव मे रहनेवाले ग्रामीणों को गाँव मे होने वाले किसी भी समारोह के पहले रेलवे अधिकारी के पास लगानी पड़ती है हाजरी। गाँव के एक मात्र प्रवेश मार्ग पर रेलवे द्वारा की जा रही है पहरेदारी।जहां 1500 ग्रामीण लोग हो जाते हैं कैद।
यह मामला 40 साल से अटका है 40 फुट की सड़क बनाने को रेलवे द्वारा रास्ता नहीं मिलने के कारण सैकड़ो की सँख्या में ग्रामीणों ने किया विरोध का रास्ता अख्तियार कर लिया है रेलवे गाँव मे लाईन अपनी बिछा कर बैध रास्ता देना गया की बात कही थी लेकिन ।अभी तक रेलवे द्वारा रास्ता नही दिया गया है। ना ही महेशपुरा गाँव के लोगों को आने जाने के लिए रेलवे द्वारा कोई रेलवे फाटक की ब्यवस्था की गई है ग्रामीणों का कहना है की रेलवे ने 1981 में लाइन बिछा कर बन्द कर दिया है रास्ता।
रेलवे फाटक की मांग को लेकर कई बार रेलवे के अधिकारियों से मिले और अधिकारियों को लिखा गया पत्र लेकिन रेलवे ने कोई रास्ता नहीं दिया तब थक हार कर
रेलवे द्वारा किये जा रहे विकाश कार्य को महेशपुरा के ग्रामीणों ने किया पूरी तरह ठप कर दिया है ग्रामीणों ने रास्ता नहीं तो कोई काम नहीं होने देने के लगाए नारे लगाए साथ ही काम को रोक दिया। ग्रामीणों के विरोध को देखकर काम छोड़कर रेलवे के अधिकारी भाग निकले हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via