रजरप्पा मंदिर के बंद होने से स्थानीय दुकानदारों की आर्थिक स्थिति होने लगी है खराब
आकाश शर्मा रामगढ़
रामगढ़ के रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका के मंदिर बीते 6 महीने से बंद पड़ी है हालांकि कोरोना की वजह से झारखंड के सभी सिद्ध पीठ और तीर्थ स्थान के साथ-साथ यह मंदिर भी बंद है लेकिन इसकी वजह से वहां के स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी है हमेशा गुलजार रहने वाला मंदिर अभी विराम सा लगता है यहां के हजारों दुकानदार हर दिन बस इस आस में रहते हैं कि कब सरकार इस मंदिर को खोलें और श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठी हो जिससे उनकी दुकानदारी और रोजमर्रा की जाने वाले व्यापार फिर से शुरू हो सके . मंदिर के बंद होने की वजह से कई दुकानदारों के घर ऐसे हो गए हैं जिसमें घर का चूल्हा बमुश्किल से जल पा रहा है कोरोना महामारी के कारण मंदिर के बंद होने से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र यह प्रसिद्ध सिद्धपीठ के स्थानीय काफी प्रभावित हो रहे हैं इसके साथ ही वहां के दुकानदार,पूजा पाठ, फल-फुल विक्रेता, नाव चालक, होटल दुकानदार के बीच जीवन यापन की समस्या खडी हो गई है।राज्य सरकार के द्वारा अनलॉक किये जाने की प्रक्रिया में 28 अगस्त 20 को भी मंदिर खोलने से संबंधित कोई आदेश नही दिया गया,
ज्ञात हो कि नवरात्रि के समय छिन्नमस्तिके मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना रहता ह।लेकिन अब तक राज्य सरकार के द्वारा मंदिर एवं अन्य पूजा स्थलों को खोलने संबंधी कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं इसलिए छिन्नमस्तिके मंदिर में अबतक आम श्रद्धालुओं के पूजा पाठ करने पर रोक लगी हुई है।