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Ranchi: बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखी चिट्ठी लगाया टेंडर में गड़बड़ी का ऊर्जा विभाग में भ्रष्टाचार और सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप

 

Ranchi: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की लिखी चिट्ठी हेमंत सोरेन के लिए मुसीबत बन जाती है उनके द्वारा किये गए घोटाले के खुलासे पर जाँच शुरू हो जाती है ऐसे में एक बार फिर बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में बाबूलाल मरांडी ने ऊर्जा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार व अनियमितता का जिक्र किया है। मुख्यंमत्री को लिखी इस चिट्ठी में बाबूलाल ने टेंडर का जिक्र किया है। इसमें कैसे अनियमितता बरती जा रही है।

इस चिट्ठी में बाबूलाल ने लिखा है,झारखंड ऊर्जा संचरण ने एक निविदा निकाली है जिसे झारखण्ड राज्य विद्युत नियामक आयोग यानि झारखण्ड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के द्वारा अनुमोदन नहीं किया गया है क्योंकि झारखण्ड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के अनुसार अभी इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। दो ग्रिड सब स्टेशन यथा चांडील व कोडरमा के लिए निविदा निकाली गई है जिसकी अनुमानित लागत एक सौ उनहत्तर करोड और दो सौ तरह करोड़ रूपये हैं। झारखण्ड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के अनुमोदन के बिना निविदा निकालना सरासर सरकारी राशि का दुरूपयोग है क्योंकि भविष्य में बिजली दर निर्धारण के समय यह खर्च न्यायसंगत नहीं होने के कारण इसको उचित खर्च नहीं माना जाएगा और इस पर झारखण्ड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के द्वारा टैरिफ निर्धारण में कोई विचार नहीं किया जायेगा।

बाबूलाल ने चिट्ठी में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा झारखण्ड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के द्वारा एक सौ पचहत्तर करोड रूपये का थ्रेस होल्ड लिमिट तय किया गया है। यदि उसके ऊपर कोई कार्य का निष्पादन होना हैं तो उसे टीबीसीबी गाइडलाइंस के माध्यम से होना है ना की आरटीएम के माध्यम से परंतु दो सौ तरह करोड़ रूपये के कार्य कराये जा रहे हैं, जो नियम विरूद्ध हैं। तेरह
बाबूलाल ने इसके अलावा कई जगहों पर टेंडर का जिक्र करते हुए कहा, बलियापुर व अन्य जगहों के लिए निविदा निकाली गई है जिस पर झारखण्ड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन का अनुमोदन नहीं प्राप्त किया गया है, इस कार्य को भी झारखण्ड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के द्वारा अनुमति देने से मना किया जा चुका हैं। ये सारे कार्य नियम क़ानून को ताक पर रख कर किया जा रहा है। आप ऊर्जा विभाग के मंत्री भी हैं और बिना आपकी कृपा दृष्टि के अधिकारी इतनी बडी अनियमितता का नित प्रतिदिन नया कीर्तिमान कैसे बना सकता है ?

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