Ranchi News:-ग्रामीण विकास विभाग सरकार ने शर्तों के साथ एकमुश्त एमएलए फंड की राशि निकालने की अनुमति दी
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
इस तथ्य के बावजूद कि 753 करोड़ रुपये से अधिक के डीसी बिलों का अभी तक पूरा भुगतान नहीं किया गया है, राज्य सरकार ने अपने नियमों में ढील दी है और विधायकों को एकमुश्त राशि निकालने की अनुमति दी है। इस संबंध में 29 मार्च को ग्रामीण विकास विभाग ने शर्तों के साथ एक प्रस्ताव जारी किया है। विकास विभाग ने 410 करोड़ रुपये की लागत से पहले ही निकाली जा चुकी राशि को छोड़कर शेष राशि की निकासी के लिए वित्तीय वर्ष 2022-2023 में केवल दो दिन का समय दिया था, शुक्रवार, 31 मार्च तक।
राज्य के मनोनीत विधायकों सहित 82 विधायकों में से प्रत्येक को उनके विधानसभा जिलों में सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए पांच करोड़ रुपये का फंड दिया जाता है। विधायकों की सलाह पर विधानसभा जिलों में विकास कार्य कराया जाता है। प्रस्ताव को झारखंड सरकार के वित्त विभाग द्वारा इस शर्त पर अनुमोदित किया गया था कि रुपये की राशि में बकाया डीसी बिलों की स्थिति। 753.51 करोड़, जो वित्तीय वर्ष 2021-2022 द्वारा निकाली गई राशि का प्रतिनिधित्व करता है, संतुष्ट रहें। प्रतिशत समायोजन के लिए दिसंबर 2023 की समय सीमा निर्धारित की गई है।
उसमें से वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए दिसंबर तक निकासी राशि का कम से कम 66 प्रतिशत डीसी बिल में समायोजित करने का अनुरोध किया गया है। सरकार ने वित्त विभाग के प्रस्ताव को संज्ञान में लेते हुए जनहित में विधायक योजना के तहत दी जाने वाली राशि के एकमुश्त आहरण की छूट प्रदान की है।
पिछले साल भी निकासी का दिया गया था आदेश
मालूम हाे कि पिछले वित्तीय वर्ष में भी इसी तरह डीसी बिल लंबित रहने के बावजूद एमएलए फंड की राशि की निकासी ट्रेजरी से करने का आदेश दिया गया था। उस वक्त भी यह कहा गया था कि डीसी बिल का हिसाब नहीं देने से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर की भी चेतावनी दी गयी थी, लेकिन स्थिति यह है कि अब भी 753 करोड़ से अधिक की राशि का हिसाब नहीं मिला है।
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