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देवघर में फेडरेशन चैम्बर का क्षेत्रीय अधिवेशन संपन्न.

संथाल परगना चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के आतिथ्य में आज देवघर में आयोजित क्षेत्रीय अधिवेशन में फेडरेशन ऑफ़ झारखण्ड चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा के नेतृत्व में 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने हिस्सा लिया। अधिवेशन में देवघर चैम्बर, मधुपुर चैम्बर, गोड्डा चैम्बर, पाकुड़ चैम्बर, जामताड़ा चैम्बर, दुमका चैम्बर, महगामा चैम्बर के अलावा संथाल परगना प्रमंडल के अधीन प्रायः सभी जिलों के व्यापारियों व उद्यमियों ने हिस्सा लिया।

बैठक के आरम्भ में एसपीयाडा के क्षेत्रीय निदेशक शैलेन्द्र कुमार लाल ने फेडरेशन के पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा क्षेत्र संसाधनों से परिपूर्ण है। पत्थर व्यवसाय यहाँ का नामी रहा है, यहां संसाधनों की भरपूर उपलब्धता है।इसी माह से देवघर में एयरपोर्ट और शीघ्र ही एम्स भी चालू होना है, जिससे जिले में व्यापारिक गतिविधि तेज होगी। उन्होंने यह भी कहा कि माननीय मुख्यमंत्री स्वयं इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्द हैं।

व्यापारियों ने एकमत से कहा कि औद्योगिक विकास के बल पर ही संथाल परगना को विकास के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है। संताल परगना में उड़मा पहाड़ी टोला कोल् ब्लॉक में प्राइवेट कोयला उतखनन शीघ्र शुरू होने जा रहा है, केंद्र सरकार के कोयले से गैस बनाने की महत्वकांक्षी योजना से कोयले पर आधारित उद्योग के क्षेत्र में क्रान्तिकारी विकास होने की संभावना है। व्यापारियों ने यह भी कहा कि दुमका, साहेबगंज, पाकुड़ क्षेत्र में एन एच के किनारे टेक्सटाइल पार्क की स्थापना से भी जिले में औद्योगिक विकास संभव है। यह भी कहा गया कि इको एवं ट्राईवल टुरिज्म की संभावनाओं से संताल परगना का क्षेत्र विकास की प्रचुर संभावनाओं के अनुकूल है, देवघर अब एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल की अहर्ता लेने योग्य शहर बनता जा रहा है, यहाँ थ्री स्टार एवं फाइव स्टार होटल की जरुरत है।

साथ ही पडोसी जिले गिरिडीह के पारसनाथ, दुमका का मलूटी, साहेबगंज के फोसिल पार्क और बंगाल के तारापीठ को शामिल कर एक टूरिस्ट सर्किल की प्लानिंग भी संभव है। यह भी सुझाया गया कि क़ृषि वानिकी और फ़ूड प्रोसेसिंग के अलावा यहाँ तसर क्लस्टर, पेडा क्लस्टर, फिशरिस क्लस्टर, लोहरगिरी क्लस्टर, लाह-चूड़ी एवं सिंदूर क्लस्टर आदि का भी योजनाबद्ध विकास का खाका तैयार कर सूक्ष्म एवं ग्रामीण उद्योग को बढ़ावा देकर यहाँ के लोगों को स्वरोजगार के क्षेत्र में समृद्ध बनाया जा सकता है।

झारखण्ड चैम्बर के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक ने कहा कि झारखण्ड में एक नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी प्रस्तावित है और इसके लिए उपलब्ध ट्रांसपोर्टिंग कनेक्टिविटी के मद्देनजर देवघर-दुमका राजमार्ग के पास जगह उपयुक्त है। देवघर से दुमका की ओर यदि सरकार 1000-1200 एकड़ जमीन उपलब्ध कराकर इस वर्ष प्रस्ताव दे देती है तो अगले 6 साल में यहां नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ खड़ी हो जाएगी। राज्य सरकार को इस सम्बंधित प्रस्ताव शीघ्र बनाकर केंद्र को भेजना चाहिए।

व्यापारियों ने यह भी कहा कि देवघर में वर्षों से एलोकेटेड अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का काम लंबित है। औद्योगिक विकास में सबसे बड़ी बढ़ा एसपीटी एक्ट है, जिस कारण कोई भी उद्योग लगा पाना संभव नहीं है। जरुरत है सरकार इच्छाशक्ति दिखाए और इस एक्ट में जरुरी संशोधन करे। यह भी कहा गया कि संताल परगना औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत संताल परगना के 9-10 स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्र चिन्हित हैं जिसमे जसीडीह, देवीपुर जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं किंतु सरकार के ढुलमूल रवैये के कारण यहां निवेशक नहीं आ रहे है। जिन उद्यमियों को जमीन आवंटित कराया गया है वे ठगा महसूस कर रहे हैं क्यूंकि किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का निर्माण सरकार ने किया ही नहीं है, उन्हें जहा है, जैसे है वाली परिस्थिति में भी आवंटित जमीन पर पोजेसन नहीं मिल पर रहा है। देवघर में एयरपोर्ट की स्थापना के लिए व्यापारियों ने स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे के प्रति आभार जताया और कहा कि एयरपोर्ट के चालू होने से व्यापारिक गतिविधियों को रफ़्तार मिलेगी।

बैठक के दौरान खामहल की समस्या से उत्पन्न कठिनाइयों के अलावा, प्रोफेशनल टैक्स की अनिवार्यता, जिले में ट्रेन कनेक्टिविटी बढ़ाने, जीएसटी के कुछ जटिल प्रावधानों से उत्पन्न समस्या के अलावा पाकुड़-साहेबगंज में सदर अस्पताल में संसाधनों की अनुपलब्धता से हो रही कठिनाइयों पर भी चर्चा की गई। अधिवेशन में उपस्थित विभिन्न जिलों के चैम्बर पदाधिकारीयों ने झारखण्ड चैम्बर के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा को अपने जिले की समस्याओं से सम्बंधित ज्ञापन भी दिया, जिसपर उन्होंने सभी मुद्दों पर कार्रवाई की बात कही।

चैम्बर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि राज्य सरकार, स्टेकहोल्डर्स और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दूरदर्शी पहल से टुरिज्म और होटल उद्योग को विकसित किया जा सकता है, इससे संताल परगना में अधिकाधिक रोजगार का सृजन संभव है। व्यापारियों के सुझाव पर उन्होंने कहा कि संताल परगना औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि के लिए अपार संभावनाओं का क्षेत्र है, केंद्र सरकार के वित्त, वाणिज्य और उद्योग तथा एमएसएमई मंत्रालय और राज्य सरकार मिलकर इस क्षेत्र को गोवा और पुर्वोत्तर राज्यों की तरह झारखण्ड के संताल परगना को स्पेशल इकोनॉमिक जोन घोषित करे।

बैठक के दौरान चैम्बर महासचिव राहुल मारू ने व्यापारियों की ओर से प्राप्त सभी सुझाव और शिकायतों के समाधान हेतु अग्रतर कार्रवाई का आश्वासन दिया। बैठक में झारखण्ड चैम्बर के उपाध्यक्ष किशोर मंत्री, कोषाध्यक्ष परेश गट्टानी, कार्यकारिणी सदस्य सोनी मेहता, अमित किशोर, शैलेश अग्रवाल, अमित शर्मा, आदित्य मल्होत्रा, विकास विजयवर्गीय, उप समिति चेयरमैन प्रमोद सारस्वत, ब्रजेश कुमार, शशांक भारद्वाज, रोहित पोद्दार के अलावा संताल परगना चैम्बर के अध्यक्ष गोपालकृष्णा शर्मा, गोवर्धन डालमिया, सुरेंद्र सिंघानिया, प्रदीप बाजला, मनोज घोष सहित सैकड़ों व्यवसायी-उद्यमी सम्मिललित थे।

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