Sameer Urawon :-जनजातियों पर चर्च और मुसलमानों का दोतरफा हमला, धड़ल्ले से लव जिहाद, जमीन जिहाद और धर्मांतरण का खेल जारी
Sameer Urawon
प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
त्रिपुरा भाजपा के प्रदेश प्रभारी समीर उरांव ने वहां विस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। देश के एसटी समाज और भाजपा की रणनीति पर उनसे भास्कर के विशेष संवाददाता विनय चतुर्वेदी की सीधी बात-
त्रिपुरा में भाजपा ने फिर से सरकार बना ली, क्या थी आपलोगों की चुनावी रणनीति?
हमारी एकमात्र रणनीति थी, लोगों से बात कर पिछले 5 साल में उनके जीवन में आए बदलावों पर चर्चा करना। उन्होंने अपने गांव व राज्य में हुए विकास की कहानियां खुद बताईं कि कैसे रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी बढ़ी तथा विकास के कितने सारे काम हुए। साथ में यह भी कहा कि यह यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देन है। फिर हमने उनसे वादा किया कि आनेवाले 5 वर्ष में इससे भी तेज गति से विकास होगा। उन्होंने हमारी बातों पर भरोसा कर हमें वोट दिया।
फिर भी वहां की 20 अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीटों में से आधे से अधिक टिपरा मोथा ने कैसे जीत ली?
टिपरा मोथा का जनजातीय समाज के लिए आरक्षित सीटों पर ही विशेष फोकस था, फिर भी हमने सात सीटें जीतीं। शेष सीटों पर भी जनजाति समाज पार्टी के साथ रहा और हमारी सरकार बनाने में अपना योगदान दिया।
इतना होने के बाद भी झारखंड का जनजाति समाज भाजपा पर भरोसा क्यों नहीं कर रहा है?
भाजपा जनजातीय समाज से अलग नहीं है। राज्य वर्तमान महागठबंधन सरकार के रवैये के बाद जनजाति समाज यह पूरी तरह समझ चुका है कि भाजपा ही उसका हित चाहती है। जमीनी परिदृश्य बदल चुका है। आनेवाले चुनाव में यह स्पष्ट हो जाएगा।
आप केंद्र की राजनीति में सहजता महसूस करते हैं या राज्य की राजनीति ज्यादा भाती है?
पार्टी जो भी दायित्व सौंपती है, हम उसे प्रसन्नतापूर्वक पूरा करते हैं।
झारखंड में 32 जनजातीय समाज है, पर लाभ सिर्फ संथाल, उरांव, मुंडा और हो को ही क्यों?
भारतीय जनता पार्टी सभी वर्गों को सम्मान देती है। मणिका और पोटका विधानसभा इसका उदाहरण है।
झारखंड के जनजातियों ने डिलिस्टिंग की मांग छेड़ी है, आपलोग क्यों मदद कर रहे हैं
जिन लोगों ने हमारा धर्म छोड़ दिया। परंपराएं छोड़ दीं, वे हमारे 80% अवसरों को छिन रहे हैं। वे कभी अल्पसंख्यक, तो कभी एसटी का लाभ लेते हैं। एसटी समाज पर चर्च व मुसलमानों का दोतरफा हमला जारी है। लव जिहाद, जमीन जिहाद और धर्मांतरण को खुला खेल चल रहा है।
संथाल में हमारी बेटियों-बहनों को लव जिहाद में फंसा कर मारा जा रहा है। पाकुड़, साहिबगंज व दक्षिणी छोटानागपुर की हमारी हजारों एकड़ जमीन कब्जाई जा चुकी है। एसटी की सुरक्षित सीटों पर भी परोक्ष रूप से कब्जा जमाया जा रहा है। राज्य सरकार इन्हें संरक्षण दे रही है। ऐसे में सड़क से लेकर सदन तक डिलिस्टिंग की मांग तो होगी ही।
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