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गिरिडीह के तिसरी से लापता सगे भाई चंदन और अंशु बरनवाल का जमुई के मनवा पहाड़ी के जंगल से मिला कंकाल.

गिरिडीह : गिरिडीह के तिसरी के सगे कारोबारी भाईयों का चंदन और अंशु बरनवाल का कंकाल बिहार के जमुई के गरही डैम से करीब तीन किमी दूर मनवा पहाड़ी के जंगल से एक माह बाद बुधवार को बरामद हुआ। दोनों भाईयों के शव को तलाशने में मृतक के परिजनों और तिसरी के ग्रामीणों की भूमिका रही। जबकि मनवा पहाड़ी के जंगल में लावारिस अवस्था में बाईक पड़ा हुआ है। इसकी जानकारी संभवत तिसरी पुलिस को मंगलवार को हो गई थी। इसके बाद भी तिसरी थाना पुलिस सक्रिय नहीं हुई। तिसरी पुलिस बुधवार दोपहर उस वक्त मनवा पहाड़ी के जंगल की और रवाना हुई। जब तिसरी के ग्रामीण और सगे भाई चंदन व अंशु के रिश्तेदारों को वहां बाईक मिलने की सूचना हासिल हुआ।

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जानकारी के अनुसार गिरिडीह के तिसरी थाना समेत जमुई और जमुई के खैरा थाना की पुलिस अब भी मनवा पहाड़ी के जंगल के मोड़ मंे ही खड़ी है। अभी तक तीनों थाना की पुलिस घटनास्थल तक नहीं पहुंची है। जबकि मनवा पहाड़ी के जंगल में बाईक मिलने की सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों और दोनों भाई के रिश्तेदार बुधवार की अहले सुबह मनवा पहाड़ी के जंगल की और रवाना हो गए थे।

नक्सल प्रभावित और बेहद दुर्गम इलाके के जंगल में काफी प्रयास के बाद करीब 30 की संख्या में रिश्तेदार और ग्रामीण खुद को जान जोखिम में डालकर मनवा पहाड़ी के जंगल तक पहुंचे। जहां लोगों को पहले बाईक व उसके कुछ दूरी पर कंकाल और गला हुआ कपड़ा मिला। बाईक के समीप से तेज बदबू आने के बाद सभी बदबू वाले स्थान पर पहुंचे वहां कंकाल नजर आया। साथ ही वहां कुछ गले हुए कपड़े भी नजर आया। लिहाजा, ग्रामीण और रिश्तेदार जंगल में मिले कंकाल, कपड़ा और बाईक से फिलहाल मानकर चल रहे है कि कंकाल संभवत अंशु और चंदन बरनवाल का ही है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

ग्रामीण और परिजन फिलहाल यही मानकर चल रहे है कि काफी दिन होने के कारण दोनों भाईयों के शव पूरी तरह गल कर कंकाल बन चुके थे। ग्रामीणों के बीच दोनों भाईयों के हत्या को लेकर भी चर्चा तेज है। बताते चले कि पिछले 22 जून से ही तिसरी निवासी अंशु और चंदन बरनवाल लापता हो गए थे। लापता होने के करीब एक माह तक तिसरी थाना पुलिस दोनों भाईयों के खोजने का दावा करती रही। यहां तक दोनों भाईयों के संपर्क में रहे तिसरी के झाड़-फूंक करने वाले एक पीर बाबा उर्फ प्रभाकर मंडल तक को दिल्ली से गिरफ्तार कर लाया गया। और पूछताछ किया गया। लेकिन सफलता नहीं मिली।

गिरिडीह, दिनेश

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