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इनामी माओवादी तूफान दा का शव पहुंचा पीरटांड, ग्रामीण और परिजन नक्सली मानने से किया इनकार.

गिरिडीह, दिनेश.

गिरिडीह : रिम्स में इलाज के दौरान मरे इनामी माओवादी तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू का शव गुरुवार को पीरटांड के मांझीडीह गांव पहुंचा। लेकिन शव को लेने के दौरान परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। मृतक की पत्नी प्रमिला मेहरा समेत ग्रामीणों का आरोप था कि शव किसी नक्सली का नहीं, बल्कि पीरटांड के गम्हरा गांव निवासी 45 वर्षीय राजकुमार किस्कू का है। परिजनों और ग्रामीणों के आरोप के बाद अब गिरिडीह पुलिस भी सवालों के घेरे में है। क्योंकि एक तरफ परिजनों ने पुलिस पर नक्सली बताकर मृतक को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। तो दुसरी तरफ बीमार होने के बाद गिरिडीह जेल में बंद मृतक को इलाज के लिए जेल प्रशासन की अपील के बाद भी वक्त पर सुरक्षा के लिए गिरिडीह पुलिस ने पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया। लिहाजा मामले में पुलिस की परेशानी बढ़ सकती है। क्योंकि विधायक सोनू ने मामले को मुख्यमंत्री के पास उठाने का भरोषा परिजनों को दिया है। साथ ही दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई का भरोषा दिलाया।

शव पहुंचने के बाद विधायक सोनू भी गांव पहुंचे थे। इधर ग्रामीणों व परिजनों ने यह भी दावा किया कि राजकुमार का माओवादियों से कोई संबध नहीं था। काफी हंगामे के बाद मृतक राजकुमार किस्कू के शव को परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए लिया। मृतक के शव के मांझीडीह गांव पहुंचने से पहले ही वहां काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई थी। परिजनों और ग्रामीणों के हंगामे के कारण पीरटांड पुलिस का भी घबराहट बढ़ा हुआ था, उनका कहना था राजकुमार किस्कू मांझीडीह गांव में ही समोसा दुकान चलाता था। ऐसे में पुलिस उसे नक्सली क्यों और किस आधार पर बता रही है। इधर परिजनों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस राजकुमार किस्कू को पुलिस इनामी नक्सली तूफान दा बता रही है, वह है ही नहीं।

दरअसल, मृतक तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू और उसके बड़े भाई किशोर किस्कू को पुलिस एक ही व्यक्ति इनामी माओवादी तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू बताकर गिरफ्तार की थी। जबकि ग्रामीणों का दावा है कि मृतक व उसका बड़ा भाई किशोर किस्कू दो अलग-अलग व्यक्तियों के नाम है। दावा यह भी है कि दोनों दो सगे भाईयों के नाम है। लेकिन किशोर किस्कू कहां है इसकी जानकारी परिजनों को भी नहीं है। इस दौरान परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मृतक कुछ सालों से मांझीडीह गांव में दुकान लगाकर समोसा बेंचने का काम कर रहा था। सालों से दुकानदारी करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने पहले क्यों नहीं गिरफ्तार किया।

बतातें चले कि मृतक तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू को पीरटांड पुलिस ने चार माह पहले 14 जूलाई को पीरटांड के मांझीडीह गांव से उस वक्त इनामी माओवादी तूफान दा के आरोप में गिरफ्तार किया था। जब मृतक गांव में समोसा दुकान चला रहा था। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने मृतक को जेल भेज दिया था। जहां एक माह पहले वह गंभीर रुप से बीमार हुआ। तो जेल प्रशासन द्वारा मृतक राजकुमार का कुछ दिन जेल में इलाज कराया गया। लेकिन हालात नहीं सुधरने पर जेल प्रशासन ने तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजने के लिए पत्राचार कर सुरक्षा बल उपलब्ध कराने का मांग किया। जेल प्रशासन की मानें तो सुरक्षा बल के लिए 23 सितंबर को पत्राचार किया गया था। लेकिन पुलिस बल 15 दिन लेट 10 अक्टूबर को दिया गया। इस बीच जेल प्रशासन ने मृतक को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा था। जहां कुछ दिन इलाज होने पुलिस सुरक्षा में मृतक को रांची रिम्स भेजा गया। जहां चार दिन पहले इलाज के क्रम में तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू की मौत हुई। इधर इस मामले में एसपी अमित रेणु से संपर्क का प्रयास किया गया। लेकिन एसपी से संपर्क नहीं हो पाया।

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