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75 करोड़ सूर्य नमस्कार (SURYA NAMASKAR)अभियान में शामिल हुए सांसद।

स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा है सूर्य नमस्कार (SURYA NAMASKAR) : संजय सेठ

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आज रांची के सांसद संजय सेठ ने ने सूर्य नमस्कार महा अभियान में भाग लिया। पतंजलि द्वारा आयोजित सूर्य नमस्कार महा अभियान में रांची के कई गणमान्य लोग व पतंजलि परिवार से जुड़े लोग भी शामिल थे।
सांसद श्री सेठ ने कहा कि यह अभियान नहीं एक महायज्ञ है ताकि इस देश के नागरिक स्वस्थ रह सकें। कोरोना संक्रमण काल में योग और सूर्य नमस्कार ने हमारी रक्षा की है। अन्य पद्धतियों में यह भी एक महत्त्वपूर्ण पद्धति रही, जिससे कई लोगों की जानें बच सकी। सांसद श्री सेठ ने कहा कि सूर्य नमस्कार के वैज्ञानिक महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने 75 करोड़ सूर्य नमस्कार महा अभियान आरंभ किया है। जिसके तहत आज हम सब सूर्य नमस्कार कर रहे हैं।

श्री सेठ ने कहा कि भारतीय दर्शन ने दुनिया को हमेशा से स्वस्थ जीवन शैली दी है। स्वस्थ जीवन शैली का मतलब स्वस्थ खान-पान, स्वस्थ रहन-सहन और सबकुछ स्वस्थ। इन्हीं में एक महत्वपूर्ण है सूर्य नमस्कार। सूर्य नमस्कार संपूर्ण व्यायाम है। सूर्य नमस्कार एक ऐसा व्यायाम है, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए लाभकारी है। शरीर में की किसी भी प्रकार की बीमारी हो। बीमारी नहीं हो तो शरीर को स्वस्थ रखना हो। हर मामले में सूर्य नमस्कार बहुत ही लाभप्रद है।

उन्होंने कहा कि यह हम सब का सौभाग्य है आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने पहले कार्यकाल में ही योग को वैश्विक पहचान दिलाई। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की परंपरा की नींव रखी और आज पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। योग दिवस और योग का ही एक महत्वपूर्ण घटक है सूर्य नमस्कार। सूर्य नमस्कार संपूर्ण यज्ञ है, जो हम अपने शरीर की शुद्धता और शरीर की स्वच्छता, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए करते हैं। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर जब हम सूर्य की आराधना करते हैं तो ऐसे में सूर्य नमस्कार का महत्व और भी बढ़ जाता है।

श्री सेठ ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सूर्य नमस्कार का देशव्यापी आयोजन हमारे लिए बहुत ही लाभकारी है। हमारे व्यक्तिगत दृष्टि से, हमारे सामाजिक दृष्टि से और हमारे राष्ट्र की दृष्टि से। सूर्य नमस्कार हमें यह बताता है कि भारत ने आदि अनादि काल से दुनिया को स्वस्थ रहने की रीत सिखाई। चाहे महाभारत का काल हो, चाहे रामायण का काल हो। हर काल में सूर्य नमस्कार के महत्व को बताया है।
उन्होंने सबसे आह्वान किया कि हम अपनी उस गौरवशाली संस्कृति का संरक्षण करें। संवर्धन करें, जिन्होंने दुनिया को जीवन का मंत्र दिया।

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