Black Money :-कोयले के काले खेल में मंत्री से लेकर अफसर सभी शामिल , 500 करोड़ के कोयले को बेचा महंगे दामों में
Black Money
प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
झारखंड में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को कम कीमत पर कोयला उपलब्ध कराने की नीति 2007 में शुरू की गई थी। फिर भी, इसमें बहुत सी जालसाजी शामिल थी। शेल कंपनी बनाकर कोयले को रियायती दर पर उठाया जाता था और ईंट भट्टों और मंडियों में अधिक कीमत पर बेचा जाता था।
अधिकारियों और नेताओं को भी काला धन मिला। ईडी की जांच में यह बात साफ हो गई थी। भास्कर की धोखाधड़ी की जांच के अनुसार, झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के पास रियायती मूल्य पर कोयला प्राप्त करने के लिए 142 एमएसएमई कंपनियां पंजीकृत थीं। इनमें से 30% व्यवसायों ने अपने संयंत्रों में कोयले का उपयोग किया। जबकि 70% व्यवसाय बाजार में अधिक कीमत पर बेचकर पैसा कमाते रहे।
खास बात यह है कि इनमें से 50 से अधिक ऐसी कंपनियां हैं, जिनका अस्तित्व ही नहीं है। इसका रजिस्ट्रेशन सिर्फ रियायती कोयला लेने के लिए किया गया था। सूत्रों के मुताबिक इन शेल कंपनियों ने बाजार में करीब 500 करोड़ रुपए का कोयला ऊंची कीमत पर बेच दिया।
पिछले दिनों ईडी की छापेमारी में हजारीबाग के कोयला कारोबारी मो. इजहार अंसारी के घर 3.58 करोड़ रुपए कैश मिलने के बाद कोल लिंकेज का खुलासा हुआ था। इसके बाद जेएसएमडीसी ने इन कंपनियों की जांच के लिए कमेटी बनाई है। फिलहाल कोयले के उठाव पर रोक लगा दी गई है।
ये एमएसएमई कंपनियां जांच के दायरे में
कंपनी का नाम जिला सुपर फ्यूल हजारीबाग एसजे कोक इंडस्ट्रीज हजारीबाग शिवा एनर्जी हजारीबाग दुर्गा सेल्स हजारीबाग रूद्रा फ्यूल हजारीबाग अकर फ्यूल हजारीबाग फलक फ्यूल हजारीबाग रोमान फ्यूल हजारीबाग कहकशां इंटरप्राइजेज हजारीबाग कहकशां इंटरप्राइजेज(डी.) हजारीबाग एसएन कोल बारिक्यूट्स हजारीबाग क्वालिटी रेफरेक्टिज रामगढ़ रूलर नेचुरल रिसोर्स इंडस्ट्रीज रामगढ़ तंजील रेफरेक्टिज हजारीबाग कंपनी का नाम जिला जीएन इंडस्ट्रीज हजारीबाग ओकाशा कोक इंडस्टीज हजारीबाग ओला कोक इंडस्ट्रीज हजारीबाग झारखंड फ्यूल्स हजारीबाग रजरप्पा फ्यूल्स हजारीबाग मां.भद्रकाली कोक एंड मिनरल्स चौपारण इस्टर्न फ्यूल बरही एसआरएस कोक इडस्ट्रीज धनबाद साहू इंटरप्राइजेज रांची केशरी इंटरप्राइजेज रांची रामगढ़ कास्टिंग रामगढ़
निगम के अफसरों ने ही शेल कंपनियों को दिया बढ़ावा, वर्षों से चल रहा कमीशन का यह खेल
जेएसएमडीसी के अफसरों ने ही शेल कंपनियों को बढ़ावा दिया है। इसका खुलासा ईडी की गिरफ्त में आए कोयला कारोबारी इजहार अंसारी की पूछताछ में हुआ है। अंसारी ने ही शेल कंपनियों के माध्यम से रियायती कोयला उठाकर ऊंची कीमत पर बेचने और मुनाफे का कमीशन नेताओं-अफसरों तक पहुंचाने का खुलासा किया है।
दरअसल आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल जब जेएसएमडीसी की एमडी थी, उस दौरान एमएसएमई ने सबसे अधिक रियायती कोयले का उठाव किया था। बाद में कुछ कंपनियां बंद हो गई या फिर गायब हो गई। इजहार अंसारी खुद 12 से अधिक शेल कंपनियां संचालित कर रहा था।
इन कंपनियों की जांच के लिए चार कमेटियां बनाईं
रियायती दर पर कोयला लेने वाली एमएसएमई कंपनियां अस्तित्वविहीन है या निर्धारित नीति के तहत कोयले का उपयोग नहीं कर रही है, इसकी सूचना मिलने के बाद जांच का आदेश दिया गया है। इसकी जांच के लिए चार कमेटियां बनाई गई हैं। -अबू बकर सिद्दीकि, सचिव, खनन विभाग
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