स्वदेशी ‘आकाश तीर’ ने भारत-पाकिस्तान युद्ध में रचा इतिहास, बना गेम-चेंजर
भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए स्वदेशी ‘आकाश तीर’ मिसाइल रक्षा प्रणाली के साथ भारत-पाकिस्तान तनाव में निर्णायक बढ़त हासिल की है। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा सीमा पर तैनात इस उन्नत प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन हमलों को नाकाम कर भारत की रक्षा शक्ति को अभेद्य साबित किया है।
आकाश तीर’ की ताकत
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने इसरो के सहयोग से ‘आकाश तीर’ को विकसित किया है। यह अगली पीढ़ी की रीयल-टाइम एयर डिफेंस सिस्टम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर आधारित है, जो दुश्मन के प्रोजेक्टाइल्स को चंद सेकंड में ट्रैक और नष्ट करने में सक्षम है। हाल के संघर्ष में इसने पाकिस्तानी ड्रोनों और मिसाइलों को प्रभावी ढंग से विफल कर वैश्विक स्तर पर भारत की तकनीकी श्रेष्ठता का परचम लहराया।
वैश्विक मंच पर चर्चा
RDS स्ट्रैटेजिक रिव्यू की मई 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, ‘आकाश तीर’ ने न केवल भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूत किया, बल्कि अमेरिका और चीन जैसे देशों को भी अपनी तकनीकी क्षमता से चकित कर दिया। रक्षा विशेषज्ञ इसे भारत का ‘रणनीतिक बाण’ बता रहे हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा में गेम-चेंजर साबित हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर में चमक
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ‘आकाश तीर’ ने पाकिस्तान के संभावित हमलों को विफल कर भारतीय सेना और वायुसेना की ताकत को और बढ़ाया। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, यह प्रणाली सीमा पर तैनात है और किसी भी खतरे को तुरंत बेअसर करने में सक्षम है।
भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक
‘आकाश तीर’ आत्मनिर्भर भारत का एक शानदार उदाहरण है। यह न केवल स्वदेशी तकनीक का प्रतीक है, बल्कि भारत के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की मेहनत का भी जीवंत प्रमाण है। इसकी सफलता ने विश्व को दिखा दिया कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं है।
रक्षा मंत्रालय ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, आकाश तीर’ हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखने और देश की संप्रभुता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह भारत की तकनीकी और रणनीतिक ताकत का प्रतीक है।