” विकास” का नया नाम “हेमंत सोरेन” : अबुआ आवास’ और सौर क्रांति: ग्रामीण विकास में नया अध्याय
रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी सरकार के ताज़ा कार्यकाल में ग्रामीण विकास और सामाजिक कल्याण को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए तत्पर हैं। हाल के महीनों में उनकी सरकार ने ‘अबुआ आवास योजना’ और ‘सौर क्रांति’ जैसे अभियानों के ज़रिए गरीबों और ग्रामीण समुदायों के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जो न केवल झारखंड की तस्वीर बदल रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बने हैं। अबुआ आवास योजना: गरीबों को पक्का घर
हेमंत सोरेन ने ‘अबुआ आवास योजना’ को अपनी सरकार की प्राथमिकता बनाया है, जिसके तहत लाखों गरीब परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत 2024-25 में 2 लाख परिवारों को मकान आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया था, और हाल के आँकड़ों के अनुसार, 1.5 लाख से अधिक परिवारों को लाभ मिल चुका है। मुख्यमंत्री ने खुद कई जिलों में लाभुकों को चाबियाँ सौंपीं, जिसे उन्होंने “गरीबों की गरिमा को सम्मान” बताया। महिलाओं पर फोकस: इस योजना में विशेष रूप से विधवाओं, एकल महिलाओं और आदिवासी परिवारों को प्राथमिकता दी जा रही है। पारदर्शिता: आवास आवंटन में भ्रष्टाचार रोकने के लिए ऑनलाइन पोर्टल और ग्राम सभाओं के ज़रिए चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। आर्थिक प्रभाव: योजना से स्थानीय स्तर पर निर्माण कार्यों को बढ़ावा मिला है, जिससे हज़ारों मज़दूरों को रोज़गार मिला। सोरेन ने हाल ही में राँची में एक समारोह में कहा, “हमारा लक्ष्य है कि झारखंड का कोई भी परिवार कच्चे मकान में न रहे। यह योजना केवल घर नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और सुरक्षा दे रही है।” सौर क्रांति: 1000 गाँवों को सोलर विलेज बनाने की पहल
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण झारखंड को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘सौर क्रांति’ की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत राज्य के 1000 गाँवों को ‘सोलर विलेज’ में तब्दील करने का लक्ष्य है। इस पहल की घोषणा हाल ही में की गई, और इसके तहत गाँवों में सौर पैनल, सौर स्ट्रीट लाइट्स और सौर ऊर्जा से चलने वाले सामुदायिक केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। पर्यावरण और रोज़गार: यह योजना न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी, बल्कि सौर उपकरणों की स्थापना और रखरखाव के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोज़गार भी देगी। आदिवासी क्षेत्रों पर जोर: सौर विलेज की शुरुआत आदिवासी बहुल क्षेत्रों से की जा रही है, जहाँ बिजली की पहुँच अभी भी सीमित है। पहला चरण: 2025 के अंत तक 100 गाँवों को पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित करने का लक्ष्य है। मंईयां सम्मान योजना: महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण
सोरेन सरकार ने ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का फैसला लिया है। 9 दिसंबर 2024 को शुरू हुए विधानसभा सत्र में इस योजना को और मज़बूत करने के लिए बजट आवंटन को मंजूरी दी गई। यह योजना 18 से 60 वर्ष की महिलाओं को लक्षित करती है, और इसका उद्देश्य उनकी आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करना है। लाभार्थी: अब तक 50 लाख से अधिक महिलाएँ इस योजना से जुड़ चुकी हैं। प्रभाव: ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने इस राशि का उपयोग छोटे व्यवसाय शुरू करने, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में किया है। विधि-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण
हेमंत सोरेन ने हाल ही में राज्य की विधि-व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान अवैध खनन, मादक पदार्थों की तस्करी और साइबर क्राइम पर कड़ाई से नकेल कसने के निर्देश दिए गए। अवैध खनन पर कार्रवाई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के साथ समन्वय कर अवैध खनन के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए, जिसके तहत कई बड़े गिरोहों पर शिकंजा कसा गया। साइबर क्राइम: साइबर पुलिस स्टेशनों की संख्या बढ़ाई गई, और युवाओं को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान शुरू किए गए। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
सोरेन ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों और ज़िला अस्पतालों की स्थिति सुधारने के लिए अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। हाल ही में साहेबगंज और पाकुड़ ज़िलों में स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। मोबाइल मेडिकल यूनिट: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने के लिए 100 नई मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की गईं। मेडिकल कॉलेज: राँची और दुमका के मेडिकल कॉलेजों में नए विभाग और बेड की संख्या बढ़ाई गई।
विपक्ष का आरोप और सोरेन का जवाब
विपक्ष, खासकर बीजेपी, ने सोरेन सरकार पर ‘अबुआ आवास’ जैसे वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है। बीजेपी नेता बाबुलाल मरांडी ने कहा, “सोरेन सरकार के वादे कागज़ों तक सीमित हैं। गाँवों में अभी भी बुनियादी सुविधाएँ नहीं हैं।” इसके जवाब में सोरेन ने कहा, “हमारी सरकार ज़मीन पर काम कर रही है। विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है, लेकिन जनता हमारी योजनाओं का लाभ देख रही है।” एक अलग नज़रिया: सोरेन का नेतृत्व
हेमंत सोरेन का यह कार्यकाल कई मायनों में अलग है। जहाँ एक ओर उन्होंने आदिवासी और ग्रामीण समुदायों के लिए योजनाएँ लागू कीं, वहीं दूसरी ओर सौर ऊर्जा जैसे आधुनिक और पर्यावरण हितैषी कदमों से झारखंड को राष्ट्रीय मंच पर ले गए। उनकी सरकार का जोर सामाजिक समावेशन, आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण पर है, जो झारखंड के लिए एक नया विकास मॉडल प्रस्तुत करता है।