खूंटी : कांची नदी पर करोड़ो की लागत से बनी पुल हुआ ध्वस्त, करनी होगी 30 किमी की अतिरिक्त यात्रा।
झारखंड में लगातार 2 दिनों से हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बहुत बढ़ गया है. कई इलाकों में जल जमाव भी हुआ है. वहीं खूंटी के कांची नदी के ऊपर बना हुआ पुल लगातार हो रही बारिश के कारण टूट गया है. इस पुल का निर्माण वर्ष 2017 में 13 करोड़ की खर्च से हुआ था तैया। ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल के द्वारा 28 स्पेल का उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया गया थ। यह तीन ब्लॉक तमाड़, बुंडू और सोनाहातु को जोड़ती थी. साथ ही इस रास्ते से बंगाल भी जाया जाता था.पुल ध्वस्त होने का सबसे बड़ा कारण नदी से हो रही अवैध बालू खनन माना जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि लगातार नदी से बालू का खनन किया जाता है. प्रशासन को भी इस बात की पूरी जानकारी रहती है , लेकिन प्रशासन भी कोई कड़े कदम नहीं अपना पा रही है. ग्रामीड लोगों ने ऐसा आरोप लगाया है कि पुल निर्माण में बहुत ज्यादा अनियमिता अपनाई गयी है.जलस्तर का भरना और बालू चोरी इस पूल के गिरने का मुख्या कारण बताया जा रहा ह। पूल मात्रा तीन साल पहले ही बन कर तैयार हुआ था। अब प्रसन ये है कि जनता की गाढ़ी कमाई को इंजीनियर और सरकार ने पानी की तरह तो बहा दिया लेकिन इसके कोई लाभ ग्रामिड तक नहीं पंहुचा .आपको बताते चली कि इसी साल 27 मई को हाराडीह बुढ़ाडीह पुल और उससे पहले हारीन पुल सहित तीन तीन पुल इस इलाके में धरासायी हो गये है. कांची नदी का यह पुल ध्वस्त हो जाने से लोगों को अतिरिक्त 30 किमी की यात्रा करनी पड़ेग। जिसे लोगों का काफी लंबा समय युही बर्बाद जायेगा. पुल टूट जाने से 30 गांव के लोग भी प्रभावित हो गये है .