सीएम नीतीश से पीएम मोदी, ‘रघुवंश प्रसाद की आखिरी चिट्ठी में जो है, उसे पूरा करना है’
मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. कुछ दिनों से उनकी तबियत खराब थी, जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. चार दिन पहले ही उन्होंने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद लालू यादव ने जेल से उन्हें लेटर लिखकर कहा था कि अभी आपको कहीं नहीं जाना है. आप स्वस्थ होकर वापस आएं तो हम बैठ कर बात करेंगे. लेकिन बैठकर बात करने से पहले ही रघुवंश प्रसाद ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. मुख्य विपक्षी दल आरजेडी को पीछे छोड़ने के लिए भाजपा लगातार वर्चुअल रैली कर रही है. अब आरजेडी के नाराज नेताओं के जरिए पीएम मोदी बिहार में सत्ता की कुर्सी दोबारा पाने की जुगत में हैं.
मोदी ने रघुवंश प्रसाद के लेटर का किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बिहार में पेट्रोलियम क्षेत्र की तीन प्रमुख परियोजनाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने रघुवंश प्रसाद का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा- मैं नीतीश जी से आग्रह करूंगा कि रघुवंश प्रसाद जी ने अपनी आखिरी चिट्ठी में जो भावना प्रकट की है, उसको परिपूर्ण करने के लिए आप और हम मिलकर पूरा प्रयास करें.
पीएम मोदी ने कहा- रघुवंश जी जिन आदर्श को लेकर चले थे, जिनके साथ चले थे, उनके साथ चलना उनके लिए संभव नहीं रहा था. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री को अपनी एक विकास के कामों की सूची भेज दी. बिहार के लोगों की, बिहार के विकास की चिंता उस चिट्ठी में प्रकट होती है.
क्या था रघुवंश प्रसाद के आखिरी लेटर में
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कुछ समय पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक लेटर लिखा था. उन्होंने इस लेटर में बिहार को लेकर बात की थी. साथ ही अपने कई इच्छाओं को भी जाहिर किया था. उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त को बिहार के राज्यपाल विश्व के प्रथम गणतंत्र वैशाली में जबकि मुख्यमंत्री पटना में राष्ट्रीय ध्वज फहराएं. इसी तरह 26 जनवरी को राज्यपाल पटना में और मुख्यमंत्री वैशाली गढ़ के मैदान में राष्ट्र ध्वज को फहराएं. उन्होंने मांग की थी कि मुख्यमंत्री 26 जनवरी 2021 को वैशाली में तिरंगा फहराने जाएं.
मनरेगा के जनक हैं रघुवंश प्रसाद
रघुवंश प्रसाद जब केन्द्रीय मंत्री थे तो उन्होंने मनरेगा योजना शुरू की थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे लेटर में उन्होंने कहा था कि मनरेगा कानून में सरकारी और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति की जमीन पर काम का प्रबंध है. इस खंड में यह भी जोड़ दिया जाए कि आम किसानों की जमीन में भी काम किया जाएगा. इस संबंध में तुरंत अध्यादेश लागू कर आने वाले आचार संहिता से बचा जाए.
रघुवंश प्रसाद ने अफगानिस्तान के काबुल से भगवान बुद्ध के पवित्र भिक्षापात्र को वैशाली लाने की भी मांग की थी. जबकि उन्होंने जल-जीवन-हरियाली अभियान से वैशाली के सभी तालाबों को जोड़ने का आग्रह बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेटर लिखकर की थी.