40 करोड़ से ज्यादा का नगदी लेनदेन ! इनकम टैक्स जांच में जुटी
टीम दृष्टि
इनकम टैक्स विभाग ने झारखंड और पश्चिम बंगाल के एक बड़ी कंपनी समूह के ठिकानों पर सर्वेक्षण किया जिसमें कल यानी 25 सितंबर को इस समूह के 20 आवासीय और व्यवसायिक ठिकानों पर रेड किया. यह समूह व घी, रियल एस्टेट और चाय के उत्पादन में लगी हुई है। समूह के पास कोलकाता में रियल एस्टेट की कई परियोजनाएं हैं।
जांच के दौरान खातों की बड़े पैमाने पर गलत तरीके से लेनदेन के पर्याप्त सबूत मिले है साथ ही बेहिसाब नकदी खर्च प्राप्त हुए इतना ही नहीं ब्याज का भुगतान भी नकद में किया गया है, इसके अलावा, समूह की शेल कंपनियों में नकदी पाई गई है, जो रियल एस्टेट कंपनी को ऋण के रूप में दिया गया है।
डायरेक्टर के रूप में परिवार के सदस्यों वाली अधिकांश कंपनियों के पास कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं है और आय के बहुत कम रिटर्न दाखिल किए गए हैं। आरओसी के साथ अधिकांश रिटर्न भी दाखिल नहीं किए गए हैं।
ऐसी एक समूह की कंपनी का 2014 से कोई कारोबार नहीं है, हालांकि इसने 7 करोड़ रुपए की नगद की बिक्री दिखाई है। यह नकद कोलकाता में बैंक खातों में जमा किया गया है, जबकि झारखंड से खरीदारों को नकद बिक्री दिखाई जाती है।
तलाशी के दौरान हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और हाथ से लिखी डायरी भी जब्त की गई है। हाथ से लिखी गई कुछ डायरियां नकदी में ऋण देने और लेने से और रियल एस्टेट परियोजना में वाणिज्यिक स्थान की बुकिंग के कारण नकदी प्राप्त करने वाली पुस्तकों से बाहर होने का संकेत देती हैं। ठेकेदारों को डायरी के नकद भुगतान और एक डमी ठेकेदार को काल्पनिक भुगतान के सबूत भी मिले हैं। डायरी में दर्ज परियोजना लागत को समझा जा सकता है, क्योंकि निर्माण के लिए डायरी के नकद खर्चों के प्रमाण मिले हैं।
प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, लगभग 40 करोड़ के नगद लेनदेन से जुड़े सबूत मिले हैं। जबकि 80 करोड़ से ज्यादा के अचल संपत्ति की जानकारी हुई है जिसकी अभी जांच चल रही है