धान, चावल, सरसों, हल्दी और मोतियों की माला से बनी ऑर्गेनिक राखी (organic rakhi) बांधेंगी बहनें भाई की कलाईयों पर
लोहरदगा आदिवासी बाहुल क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं के हाथों निर्मित ऑर्गेनिक राखी (organic rakhi) से सजेगी भाई की कलाई। आर्गेनिक राखी बना रही ये महिलाएं प्रशिक्षण के पश्चात धान, चावल, सरसों, हल्दी और मोतियों की माला पीरोकर बेहतर कारीगरी का प्यारा बंधन तैयार कर रही है। लोहरदगा जिला की इन महिलाओं को जेएसएलपीएस के द्वारा राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था।
इनके हाथों से निर्मित रखी पलाश मार्ट के माध्यम से लोगों तक पहुंच रही है। पलाश मार्ट जिले के सभी बाजारों में अपने उत्पाद को ग्रामीणों तक पहुंचा रही है। यही वजह है कि राखी बना रही महिला समूह की दीदी को अपने उत्पाद के लिए बाजार तलाशने की जरूरत नहीं होती है।
पलाश मार्ट झारखण्ड प्रदेश में एक विश्वास भरा नाम है जिसके उत्पाद स्थानीय लोग हाथों हाथ खरीद रह लेते हैं। पलास मार्ट महिला समूह के स्वरोजगार का एक बेहतर विकल्प बन गया है। यही वजह है कि गांव की महिलाएं आज आर्थिक रूप से सबल हो रही है। डीसी वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने भी पलास मार्ट के माध्यम से इन राखियों को खरीद कर महिलाओं को और सबल बनाने की अपील की है