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Patna High court:- बिहारियों पर अत्याचार का दावा, पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दायर:कहा- बिहार के नागरिकों को केवल गालियां मिली हैं, इसका समाधान निकलना चाहिए

Patna High court

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Drishti  Now  Ranchi

तमिलनाडु में बिहार की श्रमिकों के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर जहां बिहार सरकार ने 4 लोगों की एक टीम वहां भेजी है। वहीं पटना उच्च न्यायालय में 4 मार्च 2023 को एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में बिहार के बाहर राज्यों में बिहारियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के मुद्दे को जोड़ कर कोर्ट में पीआईएल दायर किया गया है। जिसकी टोकन संख्या 5422/2023 है।इस जनहित याचिका को इंजीनियर विजय प्रभात ने पटना हाई कोर्ट में दायर किया है।

हाई कोर्ट में दायर याचिका में क्या ?

इंजीनियर विजय प्रभात ने अपने द्वारा दायर याचिका को लेकर बताया कि बिहार के लोगों के साथ राज्य के बाहर लगभग कई राज्य में दुर्व्यवहार होता आ रहा है। बिहारियों के साथ पिछले कई सालों में दुर्व्यवहार और अत्याचार के मामले सामने आए हैं। अब इनके साथ तमिलनाडु में हो रहे अत्याचार का मामला सामने आ रहा है। जिसे लेकर मैंने पटना हाई कोर्ट में पीआईएल दायर किया है। दायर पीआईएल में मैंने बिहार सरकार से एक ऐसी व्यवस्था विकसित करने की मांग की है जिसमें बिहार के बाहर गए लोगों को बिहार में ही स्वास्थ्य व्यवस्था, रोजगार और शिक्षा जैसी चीजें उपलब्ध हो सके, क्योंकि बिहार के बाहर गए लोगों को बिहारी गाली के रूप में दी जाती है।

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पीआईएल दायर करने की क्यों पड़ी जरूरत?

इंजीनियर विजय प्रभात ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में भी कोर्ट में पीआईएल दायर किया था। इसके बाद विजय प्रभात ने तमिलनाडु से सामने आ रहे मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया है। उनका कहना है बिहार के बाहर बिहार के नागरिकों को केवल गालियां मिली हैं। ऐसा केवल वहां के लिए आम लोगों के द्वारा ही नहीं बल्कि वहां के अधिकारियों और मंत्रियों के द्वारा भी बिहार के लोगों को लेकर अपशब्द का प्रयोग किया जाता है। जिसका एक स्थाई सॉल्यूशन निकलना चाहिए। इसी कारण मैंने पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया है। जिससे हाई कोर्ट द्वारा सरकार को एक ऐसा स्थाई व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया जाएगा, जिसके तहत बिहार के बाहर किसी श्रमिक को, स्टूडेंट को या स्वास्थ्य से जुड़े लोगों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।इंजीनियर विजय प्रभात ने कहा कि तमिलनाडु में हो रहे अत्याचारों को अधिकारी ग्रुप पुष्टि नहीं मिली है।

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