पूर्व विधायक संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, लेकिन धनबाद में प्रवेश पर रोक: जानें कारण
झरिया के पूर्व बीजेपी विधायक संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने नीरज सिंह हत्याकांड मामले में जमानत दे दी है, लेकिन उन्हें धनबाद जिले में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। संजीव सिंह, जो पिछले आठ वर्षों से जेल में बंद थे, को यह राहत शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, जस्टिस विनोद चंद्रन और जस्टिस एन.बी. अंजारिया की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद दी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
संजीव सिंह, जो वर्तमान झरिया बीजेपी विधायक रागिनी सिंह के पति हैं, की जमानत याचिका को निचली अदालत और झारखंड हाईकोर्ट ने कई बार खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। संजीव सिंह की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद जावेद और सनी चौधरी ने कोर्ट में दलीलें पेश कीं। सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद जमानत मंजूर की, लेकिन यह शर्त रखी कि संजीव सिंह धनबाद जिले में प्रवेश नहीं कर सकते।
धनबाद में प्रवेश पर रोक क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद में प्रवेश पर रोक की शर्त इसलिए लगाई ताकि मामले की सुनवाई, जो वर्तमान में निचली अदालत में चल रही है, पर किसी तरह का दबाव या प्रभाव न पड़े। नीरज सिंह हत्याकांड धनबाद की राजनीति और कानून व्यवस्था का एक संवेदनशील मामला रहा है, और संजीव सिंह का क्षेत्र में प्रवेश गवाहों या स्थानीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, इस हत्याकांड में संजीव सिंह और नीरज सिंह के बीच पारिवारिक और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को भी एक प्रमुख कारण माना जाता है, जिसके चलते कोर्ट ने यह सख्त शर्त लागू की है।
मामले की पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति
नीरज सिंह हत्याकांड में संजीव सिंह पर अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। इस मामले में चार शूटरों।सतीश सिंह, कुरबान अली, सागर सिंह उर्फ सिबू और अमन सिंह।समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। वर्तमान में यह मामला निचली अदालत में विचाराधीन है, और जमानत के बाद भी संजीव सिंह के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा।
नीरज सिंह हत्याकांड और संजीव सिंह की गिरफ्तारी
22 मार्च 2017 को धनबाद के स्टील गेट क्षेत्र में दिनदहाड़े पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह की उनके तीन सहयोगियों अंगरक्षक मुन्ना तिवारी, ड्राइवर घाल्टू और सहयोगी अशोक यादव।सहित हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने नीरज की फॉर्च्यूनर एसयूवी पर तीन दिशाओं से लगभग 100 राउंड गोलियां चलाईं, जिसमें नीरज को 25 गोलियां लगीं। नीरज के भाई अभिषेक सिंह की शिकायत पर सरायढेला थाने में पिंटू सिंह, मनीष सिंह, महंत पांडे, गया प्रताप सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच के दौरान पुलिस ने 11 अप्रैल 2017 को संजीव सिंह को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।





