झारखंड में 1951 में आदिवासी आबादी 35.38 % मुस्लिम आबादी 8.9 % लेकिन 2011 में आदिवासी 26.20% और मुस्लिम 14.53 % हो गयी हिन्दू भी 87% से 81% हो गया तो आखिर मुस्लिम आबादी कैसे बढ़ गई क्या यह बांग्लादेशी घुसपैठिए नहीं : बाबूलाल मरांडी…
झारखंड में 1951 में आदिवासी आबादी 35.38 % मुस्लिम आबादी 8.9 % लेकिन 2011 में आदिवासी 26.20% और मुस्लिम 14.53 % हो गयी हिन्दू भी 87 से 81 हो गया तो आखिर मुस्लिम आबादी कैसे बढ़ गई क्या यह बांग्लादेशी घुसपैठिए नहीं : बाबूलाल मरांडी
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रांची, 27 अगस्त 2025: झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस, झामुमो और राजद गठबंधन पर चुनाव आयोग के विशेष गहन संशोधन (SIR) का विरोध करने का आरोप लगाया, इसे वोटबैंक की राजनीति करार दिया। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में मरांडी ने दावा किया कि गठबंधन न केवल बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को झारखंड में बसाना चाहता है, बल्कि उन्हें मतदाता बनाकर चुनावों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है।

मरांडी ने जनसंख्या के आंकड़े पेश कर दावों को मजबूती दी। उन्होंने बताया कि 1951 की जनगणना में झारखंड में आदिवासी आबादी 35.38% थी, जबकि मुस्लिम आबादी 8.9% थी। 2011 तक आदिवासी आबादी घटकर 26.20% रह गई, वहीं मुस्लिम आबादी बढ़कर 14.53% हो गई। सनातनी (हिंदू) आबादी भी 1951 में 87.79% से घटकर 2011 में 81.17% हो गई। मरांडी ने तर्क दिया कि यह बदलाव प्राकृतिक नहीं, बल्कि बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के कारण है, जिसे गठबंधन सरकार द्वारा वोटर कार्ड, राशन कार्ड और जमीन देकर बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने मतदाता आंकड़ों पर भी प्रकाश डाला। 2019-2024 के बीच झारखंड में मतदाताओं की वृद्धि दर 16.7% रही, जो राष्ट्रीय औसत 10.1% से कहीं अधिक है। इसके विपरीत, 2014-2019 में (भाजपा शासनकाल) झारखंड में यह वृद्धि केवल 6.2% थी, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 9.3% थी। मरांडी ने विशिष्ट निर्वाचन क्षेत्रों के उदाहरण दिए। सिमडेगा में मुस्लिम मतदाता 2019 में 9,308 से बढ़कर 2024 में 16,605 हो गए, यानी 78.4% की वृद्धि, जबकि गैर-मुस्लिम मतदाताओं में केवल 7.2% की वृद्धि हुई। जगन्नाथपुर में मुस्लिम मतदाताओं की वृद्धि 52% थी, जबकि गैर-मुस्लिम मतदाताओं में 13% की वृद्धि दर्ज हुई।
मरांडी ने चेतावनी दी कि यह सुनियोजित तरीके से जनसांख्यिकी बदलने की साजिश है, जिससे आदिवासी समाज सबसे अधिक प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी/रोहिंग्या पुरुष आदिवासी महिलाओं से शादी कर पंचायतों, जिला परिषदों और भविष्य में विधायक/सांसद पदों पर कब्जा कर सकते हैं। उन्होंने चाकुलिया, घाटशिला और प्रतापपुर जैसे क्षेत्रों में बिना स्थानीय मुस्लिम आबादी के सैकड़ों जन्म प्रमाण पत्र जारी होने का हवाला दिया।
मरांडी ने मांग की कि चुनाव आयोग प्रत्येक मतदाता की सत्यता की जांच करे और फर्जी मतदाताओं को सूची से हटाए। उन्होंने कहा कि भाजपा यह सुनिश्चित करेगी कि एक साल में भी सही, सभी मतदाताओं का सत्यापन हो, वरना यह लोकतंत्र के लिए खतरा बनेगा। प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह और प्रवक्ता रामाकांत महतो भी मौजूद थे।







