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सूर्य हांसदा एनकाउंटर और रिम्स-2 भूमि विवाद: भाजपा का राज्यव्यापी धरना प्रदर्शन, जमशेदपुर में जोरदार विरोध

सूर्य हांसदा एनकाउंटर और रिम्स-2 भूमि विवाद: भाजपा का राज्यव्यापी धरना प्रदर्शन, जमशेदपुर में जोरदार विरोध

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रांची/जमशेदपुर, 11 सितंबर : झारखंड में सूर्य हांसदा के कथित फर्जी एनकाउंटर और रिम्स-2 परियोजना के लिए नगड़ी के आदिवासी किसानों से जबरन जमीन अधिग्रहण के मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज राज्यव्यापी धरना प्रदर्शन किया। पार्टी ने इन घटनाओं को हेमंत सोरेन सरकार की विफलता का प्रतीक बताते हुए सीबीआई जांच और भूमि वापसी की मांग की। प्रदर्शन पूरे राज्य के 216 प्रखंड मुख्यालयों पर आयोजित हुए, जहां हजारों कार्यकर्ताओं ने सरकारी कार्यालयों का घेराव किया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अबुआ सरकार में गरीब आदिवासी सबसे अधिक लूटे-पीटे जा रहे हैं। सूर्य हांसदा की नृशंस हत्या को एनकाउंटर बताकर सरकार बचाव कर रही है, जबकि नगड़ी में रिम्स-2 के नाम पर आदिवासी किसानों की उपजाऊ जमीन छीनी जा रही है।” मरांडी ने घोषणा की कि पार्टी विधानसभा से लेकर सड़क तक इन मुद्दों पर संघर्ष जारी रखेगी।

सूर्य हांसदा एनकाउंटर: फर्जीवाड़े के आरोपों से सियासी घमासान

गोड्डा जिले के ललमटिया थाना क्षेत्र के सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्य हांसदा (उर्फ सूर्यनारायण हांसदा) को 11 अगस्त को पुलिस ने बोआरीजोर के ललमटिया धमनी पहाड़ी में कथित एनकाउंटर में मार गिराया था। हांसदा पर हत्या, डकैती और अपहरण जैसे 24 से अधिक मामलों में वांछित होने का दावा किया गया। लेकिन परिवार और समर्थकों ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताते हुए राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया।

हांसदा की पत्नी सुशीला मुर्मू और मां नीलमुनि मुर्मू ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “सूर्य को टॉर्चर कर हत्या की गई और अगले दिन फर्जी एनकाउंटर का नाम दिया गया।” चंपई सोरेन ने भी सरकार पर आदिवासियों की आवाज दबाने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लेते हुए गोड्डा के डीसी-एसपी से चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।

भाजपा ने हांसदा को आदिवासी हितों के लिए खनन माफिया के खिलाफ लड़ने वाला समाजसेवी बताया, जो बोरियो विधानसभा से चार बार चुनाव लड़ चुके थे। जेकेएलएम नेता जयराम महतो ने भी एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए सीबीआई जांच की मांग की।

रिम्स-2 घोटाला: भूमि अधिग्रहण पर किसानों का विरोध

रांची के नगड़ी क्षेत्र में प्रस्तावित रिम्स-2 (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का विस्तार) परियोजना को 1,078 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन भूमि अधिग्रहण को लेकर विवाद बढ़ गया है। स्थानीय आदिवासी किसानों का आरोप है कि उनकी उपजाऊ जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है। पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा, “सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए।”

भाजपा का दावा है कि यह जमीन 1950 के दशक से किसानों के पास है और अधिग्रहण का प्रयास विफल हो चुका था। पार्टी ने करोड़ों के कथित गबन का भी जिक्र किया, जहां मरीजों की सुविधाओं पर असर पड़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने परियोजना को ‘झारखंड के लिए सौगात’ बताया, लेकिन विपक्ष ने इसे ‘भूमि लूट’ करार दिया।

रांची जमशेदपुर सहित पूरे राज्य में उपायुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन

जमशेदपुर जिले में धरना सुधांशु ओझा के नेतृत्व में उपायुक्त कार्यालय के समक्ष हुआ। हटिया विधायक नवीन जायसवाल की मौजूदगी में हजारों कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। बैनर-पोस्टरों पर लिखा था: “सूर्य हांसदा की हत्या का बदला लो, रिम्स-2 में भ्रष्टाचार उजागर करो।” प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें दोषियों पर कार्रवाई और भूमि वापसी की मांग की गई।

ओझा ने कहा, “कानून व्यवस्था चरमरा गई है। सरकार भ्रष्टाचार और अत्याचार के जरिए आदिवासियों को दबा रही है।” प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन पुलिस अलर्ट पर थी।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: जेएमएम का पलटवार

सत्तारूढ़ जेएमएम ने भाजपा पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया। महासचिव विनोद पांडे ने कहा, “भाजपा मुद्दों का दुरुपयोग कर आदिवासी समुदाय का अपमान कर रही है। सूर्य हांसदा अपराधी थे, एनकाउंटर वैध था। रिम्स-2 से स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी।” कांग्रेस ने भी भाजपा को ‘वोटबैंक की राजनीति’ करने का दोषी ठहराया।

 

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