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वर्षों से अधूरा पड़ा है छात्रावास का निर्माण.

चतरा, संजय.

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चतरा : विकास कार्यों के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है, ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की योजनाएं पहुंच सके। लेकिन सरकार और जनता के बीच बैठे हुक्मरानों की उदासीनता के कारण विकास की योजनाएं अंतिम लोगों तक नहीं पहुंच पाती है। सशक्त समाज के निर्माण में शिक्षा का अहम रोल होता है। इसके लिए समाज के गरीब से गरीब तबके की बच्चों तक शिक्षा को पहुंचाना हमारे समाज और सरकार की कर्तव्य होता है। इसके लिए सरकार करोड़ों रुपया खर्च कर छात्रों के हित के लिए कई योजनाएं बनाती है, जो उनके शिक्षा और विकास में सहायक होता है।

लेकिन सरकारी पैसे की लूट और प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह कार्य अधूरा रह जाता है। कुछ इसी तरह का मामला चतरा के सिमरिया में देखने को मिल रहा है। दरअसल सिमरिया अनुमंडल में छात्रों की सुविधा के लिए छात्रावास का निर्माण कराया जाना था। जिसके लिए सरकार आज से करीब 8 साल पहले करोड़ों रुपए खर्चा कर के छात्रावास निर्माण कार्य शुरू कराई थी। लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी यह योजना पूरी नहीं हो सकी और अब छात्रावास के अधूरे निर्मित भवन में असामाजिक तत्वों का शरण स्थली बन चुका है।

चतरा के सिमरिया अनुमंडल में अर्धनिर्मित छात्रावास का निर्माण कल्याण विभाग की ओर से कराई जा रही है। लेकिन बदहाली यह है कि इस छात्रावास का निर्माण बिना किसी योजना का ही बनाया गया है और 8 साल गुजर जाने के बाद भी यह अधूरा है। सरकारी अफसरों की उदासीनता यह है कि पिछले 5 सालों से इस छात्रावास भवन में एक ईंट भी नहीं जोड़ा गया है और ना ही इसको देखने वाला है। जिसके कारण इस भवन में असामाजिक तत्वों का आशियाना बन चुका है और आए दिन छात्रावास के अधूरे भवन से ईंट और छड़ को भी चोर उचक्के निकालते जा रहे हैं।

सरकार की इस योजना का उद्देश्य चतरा जिले के गरीब छात्रों को हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराना था, ताकि छात्रावास में रहकर गरीब छात्र अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें। बता दें कि कल्याण विभाग का यह छात्रावास बानासाड़ी स्थित परियोजना बालिका उच्च विद्यालय में बनाया जा रहा है। इसके अलावा शिक्षण महाविद्यालय और अनुसूचित जनजाति बालिका उच्च विद्यालय में बनाया जाना रहा है। तीनों छात्रावास निर्माण की प्राक्कलित राशि 2 करोड़ 88 लाख है, लेकिन सभी योजनाएं अधूरी पड़ी हुई है और वह धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो रही है।

इस पूरे मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित मिश्रा से बात की तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है। छात्रावास का निर्माण कार्य अब तक अधूरा क्यों है, इस पर जांच किया जाएगा और इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब सवाल यह है कि आम लोगों की मेहनत की कमाई का पैसा सरकारी योजनाएं में किस तरह बर्बाद हो रही है, इसको देखने वाले अफसरों को परवाह नहीं है। पिछले 8 सालों में न जाने कितनी बार सरकार बनी और बदली है।

लेकिन यह महत्वकांक्षी और जरूरी योजना धरातल पर नहीं उतर पाई। अगर यह योजना समय से पूरा हो जाती तो न जाने कितने छात्र छात्राओं को फायदा मिलता। फिलहाल सरकार और सरकारी अफसरों की नींद खुलते नजर आ रही है और कब तक यह योजना पूरा होता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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