नेमरा में दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित करने उमड़ा जनसैलाब, लोगों ने कहा- धन्य है यह पावन भूमि
रामगढ़ : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म के आठवें दिन भी उनके पैतृक गांव नेमरा में श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा। हजारों की संख्या में आम और खास लोग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पैतृक आवास पर पहुंचे और अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। इस दौरान लोगों ने दिशोम गुरु को याद करते हुए कहा कि नेमरा की पावन भूमि धन्य है, जहां ऐसी महान विभूति का जन्म हुआ।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!लोगों की आंखें नम थीं और चेहरों पर अपने प्रिय नेता को खोने का गम साफ झलक रहा था। नेमरा में उमड़े जनसैलाब को देखकर यह स्पष्ट था कि दिशोम गुरु के प्रति लोगों का प्रेम और सम्मान कितना गहरा है। लोगों ने कहा कि शिबू सोरेन ने न केवल झारखंड आंदोलन को दिशा दी, बल्कि जल, जंगल, जमीन और झारखंडवासियों की अस्मिता की रक्षा के लिए आजीवन संघर्ष किया।
श्रद्धांजलि अर्पित करने आए लोगों ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन झारखंडी चेतना के प्रहरी थे। उन्होंने आदिवासी, दलित, शोषित और वंचित समुदायों को उनके हक और अधिकारों के लिए जागरूक किया। एक व्यक्ति ने भावुक स्वर में कहा, “गुरुजी ने अपना पूरा जीवन जनहित के लिए समर्पित कर दिया। उनका जाना झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है।” लोगों ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि अलग झारखंड राज्य के निर्माण में उनकी भूमिका अतुलनीय थी।
श्राद्ध कर्म के दौरान नेमरा में कई गणमान्य लोग और राजनेता पहुंचे। इनमें राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न जिलों से आए हजारों लोग शामिल थे।


