एयर इंडिया(AIR INDIA) ने रद्द कर दी अमेरिका की उड़ानें,आखिर क्यों
अमेरिका में 5G मोबाइल टेक्नोलॉजी की बुधवार से शुरूआत हो रही है. इससे एयरलाइन्स की फ्रीक्वेंसी में बाधा आने की आशंका को देखते हुए एयर इंडिया (AIR INDIA) ने अमेरिका जाने वाली उड़ानों को निरस्त कर दिया है. बता दें भारत से अभी केवल एयर इंडिया ही अमेरिका की लिए फ्लाइट्स ऑपरेट कर रही है.
एअर इंडिया ने ट्वीट कर कहा है कि बुधवार को अमेरिका में 5G मोबाइल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से हमारी उड़ानें प्रभावित रहेंगी. एयर इंडिया की दिल्ली-न्यूयॉर्क, दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को, दिल्ली-शिकागो, मुंबई-न्यू जर्सी की उड़ानें संचालित नहीं होंगी. इसके अलावा एयरलाइन ने दिल्ली से वॉशिंगटन जाने वाली उड़ान को भी रीशेड्यूल करने की बात कही है.
एअर इंडिया ने उड़ानें रद्द करने का फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि 5G नेटवर्क से विमानों के कम्युनिकेशन सिस्टम को काम करने में बड़ी परेशानी हो सकती है. कई दूसरी एयरलाइंस का भी कहना है कि एयरपोर्ट के आसपास 5G टेक्नोलॉजी की वजह से खतरनाक परेशानियां हो सकती हैं. इसे देखते हुए 5G टेक्नोलॉजी को रनवे से दो मील की दूरी पर ही रखा जाए.
दुबई के अमीरात एयरलाइन ने भी मंगलवार को यह एलान कर दिया कि अमेरिका के विभािन्न जगहों पर जाने वाली उडा़नों को निरस्त कर दिया गया है. कंपनी ने ट्वीट में कहा 19 जनवरी को दिल्ली से वाशिंगटन जाने वाली उड़ान AI103 अपने निर्धारित समय से रवाना होगी अन्य उड़ानें के लिए अपडेट चेक करें.
कुछ एयरलाइंस के CEO ने अमेरिकन ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखकर कहा- एविएशन इक्विपमेंट में जरूरी अपग्रेड या बदलाव के बिना अगर 5G को अमल में लाया गया तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता है. 5G टेक्नोलॉजी की वजह से प्लेन के ऑल्टीट्यूड (ऊंचाई) को नापने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.
यूनाइटेड एयरलाइंस के CEO स्कॉट किर्बी (Scott Kirby) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर टेलीकम्युनिकेशन कंपनियां एयरपोर्ट के पास 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हैं, तो उनके ऑपरेशंस पर निगेटिव असर पड़ेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा 5G वायरलेस के कारण सालभर में 15,000 उड़ानें और 12.5 लाख यात्री प्रभावित होंगे.
महत्वपूर्ण हवाई अड्डों के करीब 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल टाला जाना चाहिए. एयरलाइंस कंपनियों की चेतावनी के चलते मोबाइल सर्विस कंपनी एटी एंड टी (AT&T) और वैराइजोन दो बार 5G की लॉन्चिंग टाल चुकी हैं.
एविएशन रेगुलेटर FAA ने कहा कि उसने कुछ 5G वाले इलाके के भीतर ट्रॉसपॉन्डर को काम करने की छूट दी है. 5G के C-बैंड से प्रभावित होने वाले 88 एयरपोर्ट में से 48 के पास नई तकनीक को हरी झंडी दी गई है. एयरलाइंस को चिंता है कि इन एयरपोर्ट में अनसर्टिफाइड इक्विपमेंट से हजारों उड़ाने ठप हो सकती हैं.