LAMBODAR MAHTO

सरकार तानाशाह, आवाम की आवाज़ को दबाना चाहती है : लम्बोदर महतो , आजसू पार्टी (AJSU PARTY) की मीटिंग

विधानसभा घेराव को दबाने के लिए पूरे प्रदेश में स्पेशल नोटिफिकेशन जारी किया गया, आजसू पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को धमकाया जा रहा : डॉ. देवशरण भगत

आजसू कार्यकर्ताओं पर विधानसभा घेराव से पहले ही दर्ज किया जा रहा केस-मुकदमा : कुशवाहा शिवपूजन मेहता

राँची। आजसू पार्टी AJSU PARTY) )(द्वारा आगामी 7 मार्च को होने वाले विधानसभा घेराव एवं आंदोलन को दबाने के लिए सरकार द्वारा झारखण्ड पुलिस को स्पेशल नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है। कई जिला के पदाधिकारियों को झारखण्ड पुलिस के अधिकारी डरा-धमका रहें। अलग अलग धाराएं लगाने की भी धमकी दी जा रही हैं। इसी क्रम में आज सोनाहातू के 55 आजसू कार्यकर्ताओं को नोटिस दिया गया।

उक्त बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव डॉ. लंबोदर महतो, केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत, केंद्रीय उपाध्यक्ष कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने राँची स्थित प्रधान कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही।

• लोकतंत्र का गला दबाने के लिए झारखण्ड सरकार कर रही कोविड गाइडलाइंस का इस्तेमाल

ज्ञात हो कि आजसू पार्टी सात मार्च को सात मांगों के साथ विधानसभा घेराव कर रही है। जिसमें मुख्य रुप से पिछड़ों को आबादी अनुसार आरक्षण, खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति, सरना धर्म कोड, बेरोज़गारी, जातीय जनगणना, झारखण्ड के संसाधनों की हो रही लूट एवं झारखण्ड आंदोलनकारियों को सम्मान का विषय शामिल है। इसे लेकर आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने व्यापक तैयारियां की है।

लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह सरकार पूरी तरह से तानाशाह हो चुकी है। सरकार ने जनता की आवाज़ को दबाने के लिए पूरे तंत्र को लगा दिया है। लोकतंत्र का गला दबाने के लिए झारखण्ड सरकार कोविड गाइडलाइंस का इस्तेमाल कर रही है। अब कोविड भी पूरी तरह से सरकारी हो चुका है। “मास्क” सिर्फ “मास” पर लागू हो रहा है।

• झारखण्ड में लोकतंत्र खतरे में

डॉ. लंबोदर महती ने कहा कि झामुमो सरकार 1932 की बात करती है, लेकिन जब धरातल पर स्थानीय एवं नियोजन नीति उतारने की बात होती है तो सरकार चुप्पी साध लेती है। और जब आजसू पार्टी इस सोयी हुई सरकार को जगाने के लिए एवं झारखण्डी जनता को आवाज़ देने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन के लिए उतर रही, तो पूरे सरकारी तंत्र को आंदोलन दबाने के लिए लगा दिया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि झारखण्ड में प्रजातंत्र नहीं बल्कि राजतंत्र हावी है और जो बात राजा को पसंद नहीं, उसे दबा दिया जाता।

• पूरे राज्य में निकाला गया मशाल जुलूस

विधानसभा घेराव को लेकर आज राज्य के कोने-कोने में आजसू के कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस निकाला। संघर्ष ही आजसू पार्टी की पहचान है और हर जुल्म को सहकर संघर्ष जारी रहेगा।

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