ऑपरेशन सिंदूर: सर्वदलीय बैठक में सरकार ने दी जानकारी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की अध्यक्षता
ऑपरेशन सिंदूर: सर्वदलीय बैठक में सरकार ने दी जानकारी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की अध्यक्षता
नई दिल्ली, 8 मई : केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में संचालित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में सर्वदलीय बैठक बुलाई। गुरुवार सुबह 11 बजे संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में शुरू हुई इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए।
ऑपरेशन सिंदूर का विवरण
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की रात पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविर नष्ट किए गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, 70 से 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी शामिल हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन को आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, “यह उन लोगों के लिए करारा जवाब है जो हमारी सीमाओं, सेना और नागरिकों को चुनौती देते हैं।”
बैठक से पहले विपक्ष की मांग
कांग्रेस ने बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति की मांग की थी, लेकिन वह शामिल नहीं हुए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “24 अप्रैल की सर्वदलीय बैठक में भी हमने पीएम की मौजूदगी की मांग की थी, लेकिन वह नहीं आए। इस बार भी उनकी अनुपस्थिति खलती है।” हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऑपरेशन का समर्थन करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार और सेना के साथ एकजुटता जरूरी है।
पहलगाम हमले का बदला
22 अप्रैल को पहलगाम के बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक की हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने हिंदू पुरुषों को उनके परिवारों के सामने गोली मारी, जिससे देश में आक्रोश फैल गया। इस घटना के 15 दिन बाद शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पहलगाम हमले का जवाब माना जा रहा है। ऑपरेशन का नाम उन महिलाओं के सम्मान में रखा गया, जिनके पतियों की हत्या हमले में हुई थी।