केंद्र सरकार कराएगी जाति जनगणना , केबिनेट की बैठक में फैसला
केंद्र सरकार जाति जनगणना करावेगी यह जानकारी कैबिनेट के बैठक के बाद मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी । जाहिर है 94 साल बाद ऐतिहासिक कदम की घोषणा सरकार ने की है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि मोदी सरकार पूरे देश में जाति जनगणना करवाएगी। यह आजाद भारत में पहली बार होगा जब केंद्र सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर जाति आधारित जनगणना आयोजित की जाएगी।
पिछली जाति जनगणना 1931 में ब्रिटिश शासनकाल में हुई थी, और तब से 94 साल बाद यह कवायद फिर से शुरू होने जा रही है। वैष्णव ने कहा कि नियमित जनगणना के साथ-साथ जातियों की गिनती भी की जाएगी, जिससे सामाजिक और नीतिगत योजनाओं को और प्रभावी बनाया जा सके।
वैष्णव ने इस मुद्दे पर विपक्षी दल कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में जाति जनगणना को केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया और इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समावेशी तरीके से लागू करेगी, ताकि समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ मिले।
166.8 किमी लंबा 4-लेन हाइवे: पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा
बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्र में, अश्विनी वैष्णव ने शिलॉन्ग-सिल्वर कॉरिडोर के लिए एक बड़े हाइवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने की जानकारी दी। यह 166.8 किलोमीटर लंबा 4-लेन Lounge होगा, जो मेघालय से असम तक कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इस परियोजना की कुल लागत 22,864 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह हाइवे पूर्वोत्तर भारत में परिवहन, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वैष्णव ने बताया कि यह प्रोजेक्ट क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि और लोगों की सुविधा के लिए एक बड़ा कदम है।
गन्ना किसानों को राहत: FRP में वृद्धि
किसानों के हित में सरकार ने गन्ना उत्पादकों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2025-26 गन्ना सत्र के लिए गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (FRP) बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह फैसला गन्ना किसानों को आर्थिक राहत प्रदान करने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। यह कदम खासकर उन राज्यों में प्रभावी होगा जहां गन्ना उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक। वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की बेहतरी के लिए लगातार काम कर रही है, और यह निर्णय उसी दिशा में एक और कदम है।