cbii

CM:-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सीबीआई ने भेजा समन ,तारा शाहदेव और रंजीत कोहली मामला : धर्म परिवर्तन और यौन उत्पीड़न मामले में सीएम गवाह

CM

प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

सीबीआई की विशेष अदालत ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए सुनवाई निर्धारित की है. पूर्व नेशनल शूटर तारा शाहदेव और रंजीत कोहली उर्फ ​​रकीबुल हसन की जांच में उन्हें सीबीआई ने बुलाया है। जबरन धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना के इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गवाह के तौर पर बुलाया गया है. रकीबुल हसन उर्फ ​​रंजीत कोहली इस मामले में काफी लंबे समय से जेल में बंद है। मामले में प्राथमिक प्रतिवादी के बचाव के लिए अदालत की गवाहों की सूची में रंजीत कोहली उर्फ ​​रकीबुल हसन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं।

रंजीत कोहली के पारिवारिक समारोह में शामिल हुए थे हेमंत सोरेन
रंजीत कोहली की वकील की तरफ से दी गयी सूची को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में मंजूर भी कर लिया गया है। साथ ही, राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गवाह के रूप में समन भी जारी कर दिया गया है। अभियोजन की ओर से 26 गवाहों की गवाही पूरी होने के बाद अदालत की ओर से रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन को सूची देने का आदेश दिया गया था। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन के घर के एक आयोजन में शामिल हुए थे। उस वक्त वह विपक्ष के नेता थे। इसी आयोजन को आधार बनाते हुए रंजीत कोहली ने हेमंत सोरेन का नाम दिया है। इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रंजीत कोहली का उनकी पत्नी के प्रति व्यवहार जो उन्होंने देखा वह पूछा जा सकता है। थोड़ी देर ही सही दोनों से हुई मुलाकात में उनके निजी अनुभव क्या था, इस पर भी सवाल किया जा सकता है।

क्या सीएम अदालत में होंगे पेश

अब सवाल है कि क्या सीएम विशेष अदालत में पेश होंगे। अबतक इस मामले में सीएम दफ्तर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। सीएम कोर्ट में पेश होंगे या नहीं इसे लेकर भी अबतक स्थिति साफ नहीं है। अगर वो कोर्ट में पेश होते है, तो उनका बयान किसके पक्ष में होगा ? रंजीत कोहली और तारा शहदेव की शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी । तारा शाहदेव ने आरोप लगाया कि जिसे वह रंजीत समझ रही है, वह रकीबुल हसन था। शादी के बाद तारा से दहेज की मांग करने का भी आरोप लगाया। उसे धर्म परिवर्तन के लिए भी प्रताड़ित किया गया। साल 2015 में सीबीआई ने केस को टेकओवर कर लिया। साल 2018 में आरोपियों के खिलाफ आरोप गठन किया गया। अब इस मामले में हेमंत सोरेन के गवाह के तौर पर नाम आने से मामले की चर्चा एक बार फिर तेज हो गयी है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via