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Doctors Strike:-12 मार्च तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो 13 से डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

Doctors Strike

प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

चिकित्सकों पर लगातार हो रहे दुर्व्यवहार, अत्याचार व मारपीट की घटना से उग्र चिकित्सकों ने आंदोलन की रणनीति बना ली है। सरकार को 12 मार्च तक का समय दिया गया है। अगर सरकार उनकी मांगों पर विचार नही करती तो राज्य भर के सभी चिकित्सक 13 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाएंगे।

इसी के मद्देनजर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरे राज्य में चिकित्सकों कि मांगों के समर्थन में रविवार को रिम्स से करमटोली स्थित आईएमए भवन तक कैंडल मार्च निकाला। न सिर्फ रांची बल्कि आईएमए के आह्वान में अन्य जिलों मे भी कैंडल मार्च निकाला गया था। इस मार्च में डॉक्टर से संबंधित सारे संगठन आईएमए, झासा, रिम्स टीचर एसोसिएशन, रिम्स जूनियर डाक्टर्स एसोसिएशन, चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एवं आईएमए वीमेन डॉक्टर विंग, एसएचपीआई व अन्य संगठन के सदस्य शामिल थे।

आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ. प्रदीप सिंह ने कहा कि पूरे राज्य के चिकित्सक सालों से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और क्लिनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में 50 बेड से कम एकल एवं कपल क्लिनिक को अलग करने की मांग कर रहे है। लेकिन सरकार के कानों में जू तक नही रेंग रही है। जहां एक ओर सरकार चिकित्सकों को यह मूल सुविधाएं नही उपलब्ध करा रही, वहीं चिकित्सकों के साथ मारपीट करने वाले दोषियों पर भी किसी तरह की कार्रवाई नही कर रही है।

हाल के दिनों में हजारीबाग, गढ़वा, रांची, लोहरदगा, धनबाद में हुए चिकित्सकों पर हुए हमला, सरकारी चिकित्सा सेवा को इमरजेंसी सेवा घोषित करते हुए बायोमेट्रिक से वेतन को जोड़ने के आदेश से मुक्त रखना एवं धनबाद में डॉ हाजरा दाम्पति और रांची रिम्स के वरीय चिकित्सक डॉ सौरभ के साथ हुए दु:खद घटना में सरकार के द्वारा मुआवजा एवं प्रावधानो के अंतर्गत उनकी पत्नी को नौकरी देने कि मांग कि गयी है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नही हुआ तो पूर्व में ही घोषणा कि गयी थी कि 1 मार्च को सफल सांकेतिक कार्य बहिष्कार के उपरांत अगर सरकार 12 मार्च 2023 तक चिकित्सकों कि मांग को पूरा नहीं करती है तो पुरे राज्य में सरकारी प्राइवेट तथा मेडिकल से संबंधित सारी इकाई अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे।

हमारी सुरक्षा की जिम्मेवारी सरकारी की, बार-बार इससे मुंह मोड़ना ठीक नही

आईएमए की राष्ट्रीय सह-अध्यक्ष सह झारखंड वीमेन विंग की अध्यक्ष डॉ. भारती कश्यप ने कहा कि डॉक्टर्स की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन सरकार बार-बार इससे मुंह मोड ले रही यह ठीक नही है।

विभिन्न सामाजिक संगठनों के समर्थन के बावजूद सरकार मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लाने में देर कर रही है। डॉक्टरों के द्वारा डॉ. सौरव और डॉ. हाजरा दंपत्ति की मृत्यु उपरांत लगातार उनके परिवार वालों की मदद की मांग की जा रही है, पर सरकार की चुप्पी संवेदनहीनता है।

 

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